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इस शर्त पर दोबारा हो सकती है NEET परीक्षा, CJI ने सुनवाई के दौरान छात्रों को लेकर क्या कहा?

नीट-यूजी 2024 (NEET-UG) परीक्षा पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। परीक्षा दोबारा कराने को लेकर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने ये कहा कि केवल इसलिए कि 23 लाख में सिर्फ 1 लाख को ही दाखिला मिलेगा इस आधारा पर हम दोबारा परीक्षा कराए जाने के आदेश नहीं दे सकते हैं। बता दें कि 5 मई को एनटीए ने NEET UG 2024 परीक्षा आयोजित किया था।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 18 Jul 2024 03:31 PM (IST)
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नीट परीक्षा मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने को लेकर टिप्पणी की।(फोटो सोर्स: जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित पेपर लीक और गड़बड़ी से संबंधित मामलों की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की जल्द सुनवाई हो क्योंकि लाखों छात्र इस मामले में नतीजे का इंतजार कर रहे हैं।

दोबारा परीक्षा कराए जाने पर कोर्ट ने कही ये बात 

  • सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि दोबारा परीक्षा कराने की सबसे बड़ी शर्त है कि ठोस आधार पर यह साबित होना जरूरी है कि बड़े स्तर पर परीक्षा प्रभावित हुई है।
  • हालांकि, सीजेआई ने ये भी कहा कि केवल इसलिए कि 23 लाख में सिर्फ 1 लाख को ही दाखिला मिलेगा, इस आधार पर हम दोबारा परीक्षा कराए जाने के आदेश नहीं दे सकते हैं।
  • याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील नरेंद्र हुड्डा से सीजेआई ने कहा कि यह साबित होना चाहिए कि पेपर लीक की वजह से परीक्षा प्रभावित हुई। यदि आप वैचारिक रूप से यह स्थापित करते हैं कि दागी और बेदाग के बीच अंतर करना संभव नहीं है, तो पूरी परीक्षा को रद्द करना होगा।
  • सीजेआई ने याचिकाकर्ता को आगे कहा कि आप हमें संतुष्ट करें कि पेपर लीक बड़े पैमाने पर हुआ है और परीक्षा रद्द होनी चाहिए। दूसरा इस मामले में जांच की दिशा क्या होना चाहिए वो भी हमें बताएं।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने हुड्डा से NEET कटऑफ के बारे में पूछा। जवाब देते हुए, नरेंद्र हुड्डा ने स्पष्ट किया कि 164 से अधिक अंक प्राप्त करना उत्तीर्ण होने के बराबर है, जिससे उम्मीदवारों को 50वें पर्सेंटाइल से ऊपर रखा जाता है।

परीक्षा में गड़बड़ियों को लेकर मचा घमासान 

बताते चलें कि 5 मई को एनटीए ने NEET UG 2024 परीक्षा आयोजित किया था। नीट यूजी परीक्षा आयोजित की थी और 4 जून को परिणाम घोषित हुए थे। नतीजों में टॉपर्स की संख्या, ग्रेस मार्क्स, कट-ऑफ आदि को लेकर उठे सवालों के आधार पर याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

परीक्षा गड़बड़ी मामले पर राजनीति भी खूब हो रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस मामले में जो भी आरोपी हैं उसे सजा मिलेगी। वहीं, विपक्षी दलों का कहना है कि परीक्षा में हुई गड़बड़ी के मामले में मोदी सरकार की जवाबदेही है। 

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