कठघरे में NTA: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जिस तरह परीक्षा कराई, वह गंभीर चिंताओं को जन्म देता है
सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी परीक्षा को रद करके दोबारा कराने का आदेश देने से इन्कार कर दिया है। मगर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की कार्यप्रणाली पर सर्वोच्च अदालत ने सवाल उठाए हैं। अदालत ने एनटीए को भविष्य में चाक चौबंद व्यवस्था करने की नसीहत दी। कोर्ट ने कहा कि प्रश्नपत्रों की सुरक्षा में गंभीर खामी भी प्रकाश में आई है।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भले ही मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) रद कर नये सिरे से परीक्षा कराने का आदेश देने से इन्कार कर दिया हो लेकिन इस वर्ष परीक्षा में हुई गड़बडि़यों के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) को कठघरे में खड़ा किया है।
कोर्ट ने एनटीए पर उठाए सवाल
कोर्ट ने एनटीए के आचरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि अभी तक हुई चर्चा से यह निष्कर्ष नहीं निकलता कि नीट की शुचिता प्रणालीगत स्तर पर दूषित हुई, लेकिन एनटीए ने इस वर्ष जिस तरह परीक्षा कराई है वह गंभीर चिंताओं को जन्म देता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह बहाना नहीं हो सकता कि परीक्षा हजारों सेंटर पर हुई थी या परीक्षा में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था।
भविष्य में चाक चौबंद व्यवस्था की नसीहत
नीट जैसी परीक्षा आयोजित करने के लिए एनटीए के पास पर्याप्त फंडिंग, समय और मौका था। सर्वोच्च अदालत ने भविष्य में परीक्षा के लिए चाक चौबंद व्यवस्था की नसीहत देते हुए कहा कि सिस्टम ऐसा होना चाहिए जिसमें लोगों का भरोसा जगे।सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाया कमेटी का दायरा
एनटीए में सुधार के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय कमेटी का दायरा बढ़ाते हुए कमेटी से परीक्षा को फूलप्रूफ बनाने के लिए अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों पर विचार कर रिपोर्ट देने को कहा है। कोर्ट ने यह भी बताया है कि किन किन पहलुओं पर कमेटी विचार करेगी।
अब 30 सितंबर तक रिपोर्ट देगी कमेटी
सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी का समय बढ़ाते हुए उसे 30 सितंबर तक शिक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। कहा है कि कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद शिक्षा मंत्रालय एक महीने में रिपोर्ट में की गई सिफारिशों पर निर्णय लेगा।रिपोर्ट पर अमल का एक्शन प्लान तैयार करेगा और मंत्रालय सिफारिशों पर अमल के बारे में निर्णय लेने के दो सप्ताह के भीतर कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करेगा। ये आदेश प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जेबी पार्डीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने नीट में गड़बड़ियों और पेपर लीक मामले में दिये हैं।
सुरक्षा में गंभीर खामी थी
कोर्ट ने कहा कि कई चीजें ऐसी हैं जिसके कारण नीट पर सवाल खड़ा होता है। प्रश्नपत्र पटना और हजारीबाग में लीक हुआ। एक केंद्र में स्ट्रांग रूम का पीछे का दरवाजा खुला था और अनधिकृत व्यक्ति को प्रश्नपत्र मिला। इससे संकेत मिलता है कि सुरक्षा में गंभीर खामी थी। एनटीए को प्रभावी और कड़े सुरक्षा मानकों को लागू करना चाहिए था।ई-रिक्शा से भेजे गए प्रश्नपत्र
कोर्ट ने कहा कि ये भी पता चला कि प्रश्नपत्र ई-रिक्शा से भेजे गए और प्राइवेट कोरियर कंपनियों की सेवाएं ली गईं। याचिकाकर्ता ने सही मुद्दा उठाया है कि एनटीए ने परीक्षा के बाद ओएमआर शीट सील करने के लिए कोई समय निश्चित नहीं किया था। निश्चित टाइम तय न होने से बेइमान लोग छात्रों द्वारा ओएमआर शीट जमा करने के बाद उसमें हेरफेर कर सकते हैं।जिन पर सीधी नजर नहीं... उन पर किया भरोसा
कोर्ट ने कहा कि दूसरा चिंता का विषय यह है कि एनटीए ने उस लोगों पर भरोसा किया जिन पर वह सीधी नजर नहीं रख सकता था। कोर्ट ने कहा कि कई तरीके अपनाए जा सकते थे जिससे परीक्षकों पर नजर रखना सुनिश्चित होता और अनियमित तरीकों की गुंजाइश कम होती। इतना ही नहीं कोर्ट ने गलत प्रश्नपत्र बांटे जाने और ग्रेसमार्क का मुद्दा भी उठाया है।प्रोटोकॉल तैयार करने का निर्देश
कोर्ट ने एनटीए से विभिन्न पहलुओं पर गंभीरता से विचार करके एक प्रोटोकाल तैयार करने को कहा है। कोर्ट ने एनटीए से कहा है कि फैसले में उठाए गए सभी पहलुओं पर वह ध्यान दे। साथ ही केंद्र द्वारा गठित कमेटी से भी सिफारिश करते समय इन मुद्दों को ध्यान में रखने को कहा है।कमेटी का दायरा बढ़ाया कहा इन मुद्दों पर विचार कर सिफारिश दे
कोर्ट ने केंद्र द्वारा गठित सात सदस्यीय कमेटी से कहा है कि वह सरकार और एनटीए द्वारा बताए गए पहलुओं के अलावा निम्न मुद्दों पर भी विचार कर सिफारिश दे। परीक्षा की सुरक्षा और प्रशासन के बारे में आकलन करे सुधार का तंत्र सुझाए। इसमें प्रश्नपत्र सेट होने से लेकर रिजल्ट घोषित होने तक कठोर चेक एंड बैलेंस सुनिश्चित होने चाहिए।इन बिंदुओं पर कोर्ट ने मांगी सिफारिश
- एक एसओपी तैयार करे, जिसमें पंजीकरण से लेकर हर चीज की टाइमलाइन तय हो।
- परीक्षा केंद्रों की समीक्षा हो।
- अभ्यर्थियों की पहचान सत्यापित करने की कड़ी प्रक्रिया तय हो।
- सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी सिस्टम लगाने की संभावनाएं देखी जाएं।
- प्रश्नपत्र की पूरी प्रक्रिया की समीक्षा की जाए।
- परीक्षा केंद्रों का रेगुलर ऑडिट और औचक निरीक्षण पर विचार हो, इसमें सिक्योरिटी प्रोटोकॉल भी सुनिश्चित हो।
- कमेटी मजबूत शिकायत निवारण तंत्र बनाने की सिफारिश करे, जहां छात्रों की शिकायतें सुनी जाएं।
- कोर्ट ने डाटा सिक्योरिटी और टेक्नोलॉजी बढ़ाने पर भी विचार करने को कहा।
- आंतरिमक समन्यव पर भी ध्यान देने की बात कही गई है।
- एनटीए के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की संभावनाओं पर भी विचार करे।