NEET-UG Controversy: सीबीआई करेगी पेपर लीक की जांच, NTA महानिदेशक हटाए गए; अब तक का हर अपडेट यहां पढ़ें
नीट यूजी मामले में विवाद अभी थमता नहीं दिख रहा है। इस बीच केंद्र सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। हालांकि शिक्षा मंत्रालय परीक्षा को रद्द करने के मूड में नहीं है। उधर सीबीआई भी एक्शन में आ चुकी है। देश के कई इलाकों में ताबड़तोड़ छापेमारी चल रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने नीट पीजी परीक्षा को भी स्थगित कर दिया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नीट यूजी परीक्षा में पेपर लीक का मामला पूरे देश में गर्माया हुआ है। शिवसेना (यूबीटी) समेत कई दलों ने शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की। इस बीच केंद्र सरकार भी पूरी तरह से एक्शन में आ चुकी है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि नीट पेपर लीक की घटना सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है। यही वजह है कि सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इन परीक्षाओं को आयोजित कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA ) सबसे अधिक सवालों के घेरे में है। 10 प्वाइंट्स में आइए समझते हैं कि इस पूरे प्रकरण में अब तक क्या क्या हुआ है?
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1- नहीं रद्द होगा नीट
- शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार पूरी परीक्षा को रद्द नहीं करेगी। अगर सिर्फ बिहार में लीक हुए पेपर को लेकर परीक्षा को रद्द किया जाता है तो पूरे वर्ष मेहनत करने वाले छात्रों के साथ अन्याय होगा। शिक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हो रही है। कोर्ट के आदेश का पालन करने को तैयार हैं।
2- महानिदेशक पर गिरी गाज
- पेपर लीक मामले में सबसे पहली गाज नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के महानिदेशक सुबोध कुमार पर गिरी है। सुबोध कुमार की जगह प्रदीप खरोला को महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। प्रदीप इंडिया ट्रेड प्रोमोशन आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष हैं।
3- सीबीआई को सौंपी जांच
- शिक्षा मंत्रालय ने नीट-यूजी में अनियमितताओं की जांच सीबीआइ को सौंप दी है। एनटीए के अधिकारियों की भूमिका की जांच भी सीबीआई करेगी। बता दें कि पेपर लीक मामले में एनटीए का पूरा नेतृत्व संदेश के घेरे में है। सीबीआई यूजीसी-नेट परीक्षा मामले की भी जांच करेगी।
4- नीट-पीजी परीक्षा स्थगित
- 23 जून यानी रविवार को होने वाली नीट-पीजी परीक्षा को सरकार ने स्थगित कर दिया है। जल्द ही नई तारीख का एलान किया जाएगा। परीक्षा स्थगित करने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने छात्रों से खेद भी जताया है।
5- उच्चस्तरीय समिति का गठन
- प्रवेश परीक्षाओं को फूलफ्रूफ बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने सात सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन समिति के अध्यक्ष होंगे। यह समिति दो महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। समिति परीक्षा प्रक्रिया तंत्र और प्रश्नपत्र समेत अन्य डाटा की सुरक्षा प्रोटोकाल के संबंध में अपने सुझाव देगी। एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली में सुधार के सुझाव भी रिपोर्ट में होंगे।
6- 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा
- नीट-यूजी में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्रों की आज यानी 23 जून को दोबारा परीक्षा है। इन छात्रों को छह केंद्रों पर समय की बर्बादी की वजह से ग्रेस मार्क्स मिले थे। विवाद के बाद ग्रेस मार्क्स को निरस्त कर दिया गया है। इन छात्रों की दोबारा परीक्षा सात केंद्रों पर आयोजित की जाएगी।
7- नया कानून अधिसूचित
- पेपर लीक विवाद के बीच केंद्र सरकार ने हाल ही में सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 अधिसूचित कर दिया है। इस कानून का उद्देश्य अनियमितता रहित और शुचिता पूर्ण परीक्षाओं को आयोजित कराना है। इस कानून के माध्यम से पेपर लीक जैसे कृत्यों में संलिप्त लोगों को कठोर सजा दिलाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। कानून में अधिकतम 10 साल की कैद और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
8- अब तक यहां हुईं गिरफ्तारियां
- नीट-यूजी परीक्षा में कथित पेपर लीक मामले में बिहार में चार लोगों को दबोचा गया है। गुजरात के गोधरा से पांच लोगों को पकड़ा गया है। इन आरोपियों के पास दो करोड़ तीन लाख के चेक और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिले हैं।
9- सरकार छात्रों के हितों की संरक्षक
- शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मेहनती छात्रों के साथ अन्याय नहीं होगा। सरकार छात्रों के हितों की संरक्षक है। उन्होंने कहा कि पूरी परीक्षा को रद्द कर प्रतिभाशाली छात्रों के हितों को नुकसान करना ठीक नहीं होगा।
10- यहां से शुरू हुआ विवाद
- नीट-यूजी परीक्षा में 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स एनटीए ने दिए थे। खुलासा होने पर परीक्षा में अनियमितता के आरोप लगे। 67 छात्रों के 720 में 720 अंक लाने पर भी विवाद हुआ। खास बात यह है कि इनमें से छह छात्र एक ही सेंटर के थे।