NEET-UG का संशोधित रिजल्ट जारी, 61 से घटकर 17 हुई टॉपरों की संख्या; दिल्ली के मृदुल पहले स्थान पर
NEET UG Final Results नीट-यूजी का अंतिम संशोधित परिणाम जारी हो गया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद रिजल्ट जारी किया। दिल्ली के मृदुल मान्या ने पहले स्थान पर जगह बनाई है। उत्तर प्रदेश के रहने वाले आयुष नौग्रेय अब दूसरे स्थान पर आए हैं। पात्रता हासिल करने वालों की संख्या में भी गिरावट आई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने आखिरकार मेडिकल के स्नातक कोर्सों में दाखिले से जुड़ी परीक्षा नीट-यूजी का संशोधित रिजल्ट जारी कर दिया। इसमें न सिर्फ टॉपर्स की संख्या 61 से घटकर 17 पर आ गई है, बल्कि पात्रता हासिल करने वाले छात्रों की संख्या भी 13.16 लाख से घटकर 13.15 लाख हो गई है।
मृदुल मान्या ने किया टॉप
टॉपर्स में अब दिल्ली के मृदुल मान्या आनंद शीर्ष वरीयता पर हैं, जबकि दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश के आयुष नौग्रेय हैं। इससे पहले टॉपर्स की सूची में मृदुल ने तीसरे और आयुष ने चौथे नंबर पर जगह बनाई थी। समान अंक आने पर शीर्ष स्थान की यह वरीयता तय करने में पहले छात्रों के भौतिकी, रसायन विज्ञान व जीव विज्ञान के अंकों पर विचार किया जाता है। उनके भी अंक समान होने पर छात्रों की उम्र और परीक्षा में उसके प्रयासों की संख्या पर विचार होता है।
कटऑफ भी आया नीचे
संशोधित रिजल्ट में कटऑफ भी नीचे आया है। सामान्य श्रेणी का कटऑफ अब न्यूनतम 164 अंक से घटकर 162 अंक पर आ गया है। एनटीए ने शुक्रवार को नीट-यूजी का यह संशोधित रिजल्ट सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जारी किया है। जिसमें फिजिक्स के एक सवाल के दो सही जवाब पाए जाने पर एनटीए ने दोनों जवाबों में से कोई एक जवाब देने वाले सभी छात्रों को उसके पूरे नंबर दे दिए थे लेकिन जैसे ही मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया।सर्वोच्च अदालत के निर्देश पर जारी हुआ संशोधित रिजल्ट
सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली को सवाल के विकल्पों में से सही जवाब बताने को कहा। इसके बाद आईआईटी दिल्ली ने एक विकल्प को सही बताया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को नए सिरे से संशोधित रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया था।
4.20 लाख छात्रों पर पड़ा असर
इस फैसले के बाद सवाल का गलत जवाब देने वाले 4.20 लाख छात्रों के पांच अंक कम कर दिए गए। इनमें जहां चार अंक सही जवाब के थे, वहीं एक अंक गलत जवाब देने का था। इस एक सवाल के गलत होने का असर वैसे तो 4.20 लाख छात्रों पर पड़ा है, लेकिन सबसे ज्यादा असर 50 हजार से एक लाख तक की रैंकिंग में आने वाले करीब 16 हजार छात्रों पर पड़ा है। हो सकता है कि इसके चलते उन्हें अब किसी कॉलेज में दाखिला भी न मिल पाए।यहां समझे रैंकिंग और सीट का गणित
वैसे भी देश में मौजूदा समय में सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल सीटों को मिलाकर देखें तो वे करीब एक लाख हैं। ऐसे में किसी छात्र की रैकिंग अगर एक लाख से नीचे गई है तो उसे किसी भी कॉलेज में दाखिला मिलना मुश्किल होगा। वहीं, सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की कुल सीटें लगभग 50 हजार हैं, ऐसे में यदि इससे नीचे किसी की रैंकिंग गई तो उसे भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाएगा।
चार जून को पहली बार जारी हुआ था रिजल्ट
गौरतलब है कि पांच मई को आयोजित नीट-यूजी का रिजल्ट वैसे तो चार जून को लोकसभा चुनाव परिणामों के बीच ही जारी हो गया था। मगर बाद में इस परीक्षा को लेकर एक-एक कर नई गड़बड़ियां सामने आईं। इनमें छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने और परीक्षा में जुड़ी अन्य गड़बडि़यों का भी मामला था। विवाद बढ़ने पर एनटीए ने 1,563 छात्रों के ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए थे। साथ ही उन्हें बाद में फिर परीक्षा का मौका दिया गया था। इन छात्रों की परीक्षा 23 जून को आयोजित की गई थी और उनके नए सिरे रिजल्ट भी घोषित किए गए थे।कब खड़ा हुआ विवाद
नीट-यूजी को लेकर पूरा विवाद तब खड़ा हुआ जब एक साथ 67 छात्रों के नाम टॉपर्स की लिस्ट में देखने को मिले। मेरिट लिस्ट में कुछ छात्रों के नंबर कुल 720 में से 718 व 719 जैसे दिए गए। जबकि परीक्षा में एक सवाल के सही होने पर चार अंक मिलते हैं और गलत होने पर मिले अंकों में से एक अंक कम हो जाता है। ऐसे में इन अंकों को लेकर भी सवाल गरमाया।एनटीए ने दिया था ग्रेस मार्क्स
एनटीए की ओर से बताया गया कि छात्रों को परीक्षा में कम समय मिला था, इसके चलते उन्हें ग्रेस मार्क्स देने से ऐसे अंक देखने को मिल रहे थे। बाद में जैसे ही परीक्षा में ग्रेस मार्क्स देने की व्यवस्था नहीं होने का मुद्दा उठा और वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो एनटीए ने उसे वापस ले लिया। ऐसे में टॉपर्स की संख्या 67 से घटकर 61 पर आ गई थी।शीर्ष स्थान पाने वाले 17 छात्र
- 1. मृदुल मान्या आनंद- दिल्ली
- 2. आयुष नौग्रेय- उत्तर प्रदेश
- 3. माजिन मंसूर- बिहार
- 4. प्रचिता- राजस्थान
- 5. सौरव- राजस्थान
- 6. दिव्यांश- दिल्ली
- 7. गुंमय गर्ग- पंजाब
- 8. अर्घ्यदीप दत्ता- बंगाल
- 9. शुभन सेनगुप्ता- महाराष्ट्र
- 10. आर्यन यादव- उत्तर प्रदेश
- 11. पलंशा अग्रवाल- महाराष्ट्र
- 12. रजनीश पी.- तमिलनाडु
- 13. श्रीनंद शर्मिल- केरल
- 14. माने नेहा कुलदीप- महाराष्ट्र
- 15. तेजस सिंह- चंडीगढ़
- 16. देवेश जोशी- राजस्थान
- 17. इरम काजी- राजस्थान