Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

NEET UG Row 2024: 'NTA की ईमानदारी और NEET...', कांग्रेस ने परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर उठाए कई सवाल

NEET UG Row 2024 नीट (नेशनल एलिजविलिटी कम एंट्रेस एक्जाम) परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर विपक्ष ने सरकार से कई सवाल किए हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने परीक्षा में हुए गड़बड़ी पर कहा कि इस मामले के बाद राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की ईमानदारी और नीट के डिजाइन और संचालन पर कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं। इसके अलावा NCERT को लेकर भी बयान दिया है।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Sun, 16 Jun 2024 01:02 PM (IST)
Hero Image
नेशनल एलिजविलिटी कम एंट्रेस एक्जाम परीक्षा में गड़बड़ी पर बोला कांग्रेस (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। मेडिकल में दाखिले से जुड़ी नीट (नेशनल एलिजविलिटी कम एंट्रेस एक्जाम) परीक्षा में गड़बड़ी के लग रहे आरोपों के तूल पकड़ने और उसे लेकर तेज हुई सियासत के बीच अब विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। नीट (नेशनल एलिजविलिटी कम एंट्रेस एक्जाम) परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की ईमानदारी और नीट के डिजाइन और संचालन के तरीके पर 'गंभीर सवाल' हैं।

विपक्षी दल ने उम्मीद जताई कि जब संसद की नई स्थायी समितियां गठित होंगी तो वे NEET, NTA और NCERT की गहन समीक्षा करेंगी।

जयराम रमेश ने NEET को लेकर किया पोस्ट

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मैं 2014 और 2019 के बीच स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संबंधी संसद की स्थायी समिति का सदस्य था। मैं उस समय NEET के लिए मिलने वाले व्यापक समर्थन को याद करता हूं। लेकिन ऐसे सांसद भी थे — विशेष रूप से तमिलनाडु से — जिन्होंने चिंता जताई थी कि NEET से सीबीएसई के छात्रों को लाभ मिलेगा और दूसरे बोर्ड एवं स्कूलों से आने वाले स्टूडेंट्स को नुकसान पहुंचेगा।"

महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों ने भी NEET को लेकर गहरा संदेह जताया

उन्होंने आगे कहा, "मुझे अब लगता है कि सीबीएसई के इस मुद्दे पर उचित विश्लेषण की ज़रूरत है। क्या NEET भेद-भाव से भरा है? क्या गरीब पृष्ठभूमि के छात्रों को अवसरों से वंचित किया जा रहा है? महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों ने भी NEET को लेकर गहरा संदेह जताया है।"

'नई स्थायी समितियां गठित होने पर हो गहन समीक्षा' 

कांग्रेस नेता ने कहा कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की ईमानदारी और एनईईटी के डिजाइन और संचालन के तरीके पर भी गंभीर सवाल हैं। रमेश ने दावा किया कि पिछले दशक में एनसीईआरटी ने स्वयं सारी व्यावसायिकता खो दी है। उन्होंने कहा, "उम्मीद है कि नई स्थायी समितियां गठित होने पर एनईईटी, एनटीए और एनसीईआरटी की गहन समीक्षा करेंगी। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।"

यह भी पढ़ें- हाय गर्मी! जून में सामान्य से दोगुना अधिक चली हीटवेव, इस साल लू ने बनाए नए रिकॉर्ड; पढ़िए IMD का चौंकाने वाला डेटा