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NEET-UG Row 2024: नीट परीक्षा मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 8 जुलाई को होगी सुनवाई, लग रहीं ताबड़तोड़ याचिकाएं; मामला गरमाया

NEET UG Row सुप्रीम कोर्ट आठ जुलाई को विवादों से घिरे नीट-यूजी से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई करेगा जिनमें पांच मई को आयोजित परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं। नीट-यूजी परीक्षा मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अभी तक 26 याचिकाएं सूचीबद्ध की गई हैं। ये सभी याचिकाएं अलग-अलग तरह की हैं। इनमें शिक्षण संस्थान परीक्षा देने वाले छात्र और संगठन हैं।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Tue, 02 Jul 2024 07:26 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट आठ जुलाई को विवादों से घिरे नीट-यूजी से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। (ANI)
पीटीआई, नई दिल्ली। NEET-UG Row: विवादों से घिरी मेडिकल में प्रवेश की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आठ जुलाई को सुनवाई करेगा। इनमें पांच मई को हुई परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली तथा इसे नए सिरे से कराए जाने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं शामिल हैं।

इन 26 याचिकाओं पर होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर आठ जुलाई के लिए अपलोड वाद सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला एवं जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ 26 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। उल्लेखनीय है कि देशभर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा नीट-यूजी आयोजित की जाती है।

पांच मई को नीट-यूजी का आयोजन 4,750 केंद्रों पर कराया गया था और इसमें लगभग 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। पहले इस परीक्षा के परिणाम 14 जून को आने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन समय से पहले पूरा होने पर परिणाम चार जून को घोषित कर दिए गए थे।

नीट को लेकर देशभर में क्यों हो रहा बवाल?

प्रश्नपत्र लीक समेत अनियमितताओं के आरोपों को लेकर कई शहरों में प्रदर्शन हुए और राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए। सुप्रीम कोर्ट ने कथित तौर पर प्रश्नपत्र लीक होने और अन्य गड़बड़ियों के आधार पर नीट-यूजी 2024 को फिर से कराने के अनुरोध वाली याचिका पर 11 जून को सुनवाई करते हुए कहा था कि परीक्षा की शुचिता प्रभावित हुई है और उसने केंद्र सरकार व एनटीए से इस पर जवाब मांगा था। हालांकि अदालत ने सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।