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NEET Case: 'गलती हुई है तो स्वीकार करें, नहीं तो...', नीट मामले पर सुप्रीम कोर्ट की NTA को चेतावनी, दिए ये निर्देश

NEET Supreme Court Hearing नीट मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को फिर सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि वह छात्रों की तकलीफ समझती है। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने एनटीए को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मामले में 0.001 फीसदी भी गड़बड़ी हुई है तो इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए। साथ ही कोर्ट ने एनटीए से कहा कि गलती हुई है तो उसे स्वीकार करना चाहिए।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Tue, 18 Jun 2024 06:01 PM (IST)
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कोर्ट ने कहा कि 0.001 फीसदी भी गड़बड़ी हुई है तो उसकी गंभीरता से जांच करें। (File Photo)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश की नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ियों और पेपर लीक की शिकायतों को लेकर सड़क से अदालत तक उतरे छात्रों का दर्द सुप्रीम कोर्ट को भी महसूस होने लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नीट-यूजी में गड़बड़ियों के बारे में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा इसका संकेत देते हुए कहा कि अगर किसी की ओर से 0.001 प्रतिशत भी लापरवाही हुई है तो उस की गंभीरता से जांच होनी चाहिए।

कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और केंद्र सरकार से कहा कि इन सभी मामलों को प्रतिकूल मुकदमेबाजी की तरह नहीं लिया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने डॉक्टर बनने का सपना संजोए नीट के लिए कड़ी मेहनत करने वाले अभ्यर्थियों की व्याकुलता समझते हुए कहा कि हम सभी जानते हैं कि इन परीक्षाओं के लिए बच्चे कितनी मेहनत करते हैं।

कोर्ट ने किया सचेत

सुप्रीम कोर्ट ने सिस्टम से धोखाधड़ी कर डॉक्टर बनने वालों से समाज को होने वाले खतरे के प्रति सचेत करते हुए कहा कि उस स्थिति की कल्पना करें, जहां किसी व्यक्ति ने सिस्टम के साथ धोखाधड़ी की और डॉक्टर बन गया। वह समाज के लिए अधिक घातक है।

शीर्ष अदालत ने एनटीए से कहा कि परीक्षा कराने वाली एजेंसी का प्रतिनिधित्व करते हुए उसे दृढ़ रहना चाहिए। अगर गलती हुई है तो उसे स्वीकार करना चाहिए कि हां गलती हुई है और हम ये कार्रवाई करने जा रहे हैं। कम से कम इससे आपके काम पर भरोसा तो पैदा होगा। न्यायमूर्ति विक्रमनाथ और एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने केंद्र सरकार और एनटीए की पैरोकारी कर रहे वकीलों से कहा कि वह उनसे टाइमली एक्शन चाहते हैं।

दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश

पीठ ने नई याचिकाओं पर केंद्र और एनटीए को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके साथ ही इन नई याचिकाओं को भी पहले से लंबित याचिकाओं के साथ संलग्न करते हुए आठ जुलाई को सुनवाई के लिए लगाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को नीट में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली दो नई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।

शुरुआत में मामला सुनवाई पर आते ही कोर्ट ने कहा कि वह इन दोनों याचिकाओं पर भी नोटिस जारी कर रहे हैं। इन याचिकाओं को पहले से लंबित याचिकाओं के साथ संलग्न किया जाता है जिन पर आठ जुलाई को सुनवाई होनी है। केंद्र और एनटीए के वकील ने कोर्ट से कहा कि उनके उत्तर दाखिल करने तक कोर्ट मामले में कोई टिप्पणी न करे। लेकिन तभी याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने छात्रों का दर्द साझा करते हुए कहा कि हमें छात्रों की मेहनत को नहीं भूलना चाहिए। जरा सोचिए इस तरह से परीक्षा पास करने वाला इलाज करे।

एनटीए ने दिया ये जवाब

वकील ने मामले की जांच का मुद्दा उठाया। एनटीए के वकील ने कहा कि इसी पर पिछले सप्ताह 1563 छात्रों का ग्रेस मार्क रद्द करने का फैसला किया गया। अथॉरिटी छात्रों द्वारा उठाए गए मुद्दों और चिंता को समझती हैं और कार्रवाई कर रही हैं। गौरतलब है कि मेडिकल के पाठ्यक्रम एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष आदि में प्रवेश के लिए नीट-यूजी गत पांच मई को आयोजित हुई थी।

परीक्षा के बाद से ही पेपर लीक और परीक्षा में गड़बड़ियों की बात उठने लगी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट और देश के छह उच्च न्यायालयों में छात्रों ने याचिका दाखिल कर नीट रद्द कर दोबारा परीक्षा कराने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर नोटिस जारी कर सभी को आठ जुलाई को सुनवाई पर लगाने का निर्देश दिया है।

एनटीए ने रद्द किए ग्रेस मार्क्स

इस बीच एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 1563 छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क रद्द करने का निर्णय लिया गया है। इनकी दोबारा परीक्षा कराई जाएगी तथा छात्रों के पास दोबारा परीक्षा में शामिल होने का विकल्प होगा, अन्यथा उन्हें ग्रेस मार्क हटाकर दिये गए नंबर ही स्वीकार करने होंगे। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि परीक्षा की शुचिता प्रभावित हुई है, जवाब देना होगा। छात्रों की ओर से लगातार कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की जा रही हैं, दूसरी ओर छात्र पूरी परीक्षा रद्द कर सभी के लिए दोबारा परीक्षा कराने की मांग लेकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।