सहकारी समितियों में भाई-भतीजावाद पर लगेगी रोक, विधेयक संसद से पारित; कामकाज में आएगी ज्यादा पारदर्शी
राज्यसभा ने मंगलवार को बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक 2023 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। सहकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने विधेयक को विचार के लिए राज्यसभा में पेश किया। बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक के संबंध में सवालों के जवाब देते हुए वर्मा ने कहा कि इसमें कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए मानक दिए गए हैं जो भाई-भतीजावाद पर रोक सुनिश्चित करेंगे।
नई दिल्ली, पीटीआई। राज्यसभा ने मंगलवार को बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2023 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसमें कामकाज को ज्यादा पारदर्शी बनाकर, नियमित चुनावों की व्यवस्था करके और नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद पर रोक लगाकर सहकारी समितियों को मजबूत बनाने का प्रविधान किया गया है। लोकसभा इस विधेयक को 25 जुलाई, 2023 को पारित कर चुकी है।
भाई-भतीजावाद पर रोक सुनिश्चित
सहकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने विधेयक को विचार के लिए राज्यसभा में पेश किया। विधेयक के संबंध में सवालों के जवाब देते हुए वर्मा ने कहा कि इसमें कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए मानक दिए गए हैं जो भाई-भतीजावाद पर रोक सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत का पांच लाख करोड़ डालर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य सहकारिता क्षेत्र की प्रगतिशील भूमिका के बिना हासिल नहीं किया जा सकता।
इलेक्शन अथॉरिटी की स्थापना का प्रविधान
राज्यमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन के मामले में निजी क्षेत्र की एक सीमा है, लेकिन सहकारिता क्षेत्र रोजगार पैदा कर सकता है क्योंकि एलपीजी और पेट्रोल पंप डीलरशिप जैसे क्षेत्रों में काम का दायरा बढ़ाकर सरकार सहकारी समितियों को मजबूत कर रही है। विधेयक में सहकारिता क्षेत्र में चुनाव सुधार शुरू करने के लिए कोआपरेटिव इलेक्शन अथॉरिटी की स्थापना का प्रविधान किया गया है।
इसमें एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अधिकतम तीन सदस्य होंगे जिनकी नियुक्ति केंद्र सरकार करेगी। एनसीयूआइ द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में 8.6 लाख सहकारी समितियां हैं जिनमें से सक्रिय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (पीएसी) लगभग 63 हजार हैं।
जनवरी में सरकार ने आर्गेनिक उत्पादों, बीजों और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तीन नई बहु-राज्य सहकारी समितियों को स्थापित करने का फैसला किया था।विधेयक में कोआपरेटिव रिहैबिलिटेशन, रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट फंड की स्थापना के लिए एक नया प्रविधान जोड़ा गया है ताकि बीमार बहु-राज्य सहकारी समितियों को पुनर्जीवन प्रदान किया जा सके।
इसमें बहु-राज्य सहकारी समितियों के लिए समवर्ती आडिट, शिकायतों के निवारण के लिए तंत्र, एक या अधिक सरकारी लोकपाल और सहकारी सूचना अधिकारी की नियुक्ति का भी प्रविधान है। प्रविधानों के उल्लंघन के मामलों में इन समितियों पर लगाए जाने वाले जुर्माने में भी बढ़ोतरी की गई है।