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New Army Chief: चीन-पाकिस्तान की गहरी समझ रखते हैं नए आर्मी चीफ, जानिए लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी की 5 प्रमुख उपलब्धियां

New Army Chief 1 जुलाई 1964 को जन्मे उपेंद्र द्विवेदी सैनिक स्कूल रीवा के पूर्व छात्र हैं। उनकी पहली तैनाती 15 दिसंबर 1984 को भारतीय सेना की 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स में हुई थी। बाद में उन्होंने उसी यूनिट की कमान संभाली। अपनी करीब 40 साल की जर्नी में लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने विभिन्न कमांड्स को संभालने के साथ विदेशी नियुक्तियों में भी काम किया है।

By Babli Kumari Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 12 Jun 2024 10:50 AM (IST)
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लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी बनेंगे नए सेना प्रमुख (फोटो-जागरण)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Who is New Army Chief Upendra Dwivedi: केंद्र सरकार ने मंगलवार रात को घोषणा की कि लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी मौजूदा जनरल मनोज पांडे की जगह अगले सेना प्रमुख होंगे। वह इस पोस्ट पर जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे।

बता दें कि जनरल पांडे को पहले 31 मई को रिटायर होना था, लेकिन सरकार ने पिछले महीने एक दुर्लभ कदम उठाते हुए उनकी रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले उनका कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया था। ऐसे में अब जनरल पांडे 30 जून को रिटायर होंगे और इसके बाद ही लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी आर्मी चीफ का जिम्मा संभालेंगे। आइए जानते हैं कौन हैं नए आर्मी प्रमुख- 

कौन हैं भारत के नए आर्मी चीफ?

कितने शिक्षित हैं उपेंद्र द्विवेदी-

  • 1 जुलाई, 1964 को जन्मे उपेंद्र द्विवेदी सैनिक स्कूल, रीवा के पूर्व छात्र हैं और 15 दिसंबर, 1984 को उन्हें भारतीय सेना की 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स में कमीशन मिला था। बाद में उन्होंने यूनिट की कमान संभाली।
  • लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज के पूर्व छात्र हैं।
  • लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू से भी पढ़ाई पूरी की है। 
  • लेफ्टिनेंट जनरल के पास रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम.फिल., स्ट्रैटजिक स्टडीज और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्री हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी की वो पांच उपलब्धियां जिनके दम पर नियुक्त हुए आर्मी चीफ-

  1. एक जुलाई, 1964 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी 15 दिसंबर, 1984 को सेना की जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स में शामिल हुए थे। लगभग 40 वर्षों की अपनी लंबी एवं विशिष्ट सेवा के दौरान उन्होंने विभिन्न कमान, स्टाफ एवं विदेश की नियुक्तियों में कार्य किया है। कमान की उनकी नियुक्तियों में रेजीमेंट की कमान (18 जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स), ब्रिगेड (सेक्टर 26 असम राइफल्स), असम राइफल्स के डीआइजी ईस्ट, कोर (नौवीं कोर) एवं उत्तरी कमान के प्रमुख (2022 से 2024) शामिल हैं।
  2. लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी इंफैन्ट्री के महानिदेशक भी रहे हैं। उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित किया गया है। उन्होंने रीवा स्थित सैनिक स्कूल, नेशनल डिफेंस कालेज और यूएस आर्मी वार कालेज में शिक्षा प्राप्त की है।
  3. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कालेज (डीएसएससी), वेलिंगटन और आर्मी वार कालेज, महू (मध्य प्रदेश) में प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है। उन्होंने डिफेंस एंड मैनेजमेंट स्टडीज में एफ.फिल किया है और उनके पास स्ट्रैटजिक स्टडीज (Strategic studies) एंड मिलिट्री साइंस में दो स्नातकोत्तर डिग्रियां हैं।
  4. अपनी करीब 40 साल की जर्नी में लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने विभिन्न कमांड्स को संभालने के साथ विदेशी नियुक्तियों में भी काम किया है। उनकी कमांड में तैनाती की बात करें तो वो 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट, असम राइफल्स और 9 कोर की कमान में एक्टिव रह चुके हैं. लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को PVSM (परम विशिष्ट सेवा मेडल), AVSM (अति विशिष्ट सेवा मेडल) और तीन जीओसी-इन-सी कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
  5. नए सेना प्रमुख द्विवेदी को चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर ऑपरेशन एक्सपीरियंस के लिए जाना जाता है। लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी के पास चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर व्यापक परिचालन अनुभव है। उत्तरी सेना के कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर निरंतर सैन्य अभियानों की योजना बनाने और उन्हें सफलतापूर्व पूरा करने के लिए बेहतरीन कौशल दिखाया।