बदलेंगे अंग्रेजों के जमाने के कानून; अमित शाह बोले- IPC, CrPC और एविडेंस एक्ट की जगह नए विधेयक जल्द होंगे पारित
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह IPS प्रोबेशनर्स के 75वें बैच की पासिंग आउट परेड में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि IPC CrPC और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन नए विधेयक जल्द ही संसद द्वारा पारित किए जाएंगे। अमित शाह ने कहा कि गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति तीन नए विधेयकों की जांच कर रही है और उन्हें जल्द ही पारित किया जाएगा।
By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 27 Oct 2023 11:03 AM (IST)
पीटीआई, हैदराबाद। हैदराबाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारतीय पुलिस सेवा (IPS) प्रोबेशनर्स के 75वें बैच की पासिंग आउट परेड में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता (IPC), CrPC और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन नए विधेयक जल्द ही संसद द्वारा पारित किए जाएंगे।
ब्रिटिश शासन के कानून होंगे खत्म
यहां सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में आईपीएस कैडेटों की पासिंग आउट परेड में बोलते हुए, शाह ने कहा कि भारत ब्रिटिश शासन के दौरान बनाए गए कानूनों को खत्म कर रहा है और नए आत्मविश्वास और नई आशाओं के साथ एक नए युग में प्रवेश कर रहा है।
#WATCH | Hyderabad: Union Home Minister Amit Shah in his address at the passing-out parade of the 75th batch of IPS probationers says, "The three laws drafted around 1850...CRPC, IPC and Evidence Act, the government has made some significant changes in these three laws and put… pic.twitter.com/LZ60i5ejFW
— ANI (@ANI) October 27, 2023
महिला नेतृत्व में आगे बढ़ रहा देश
अमित शाह ने कहा, "गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति तीन नए विधेयकों की जांच कर रही है और उन्हें जल्द ही पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नए कानूनों का उद्देश्य लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है। यह देखते हुए कि महिला आईपीएस कैडेटों की संख्या बढ़ रही है, शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश महिला नेतृत्व वाले विकास में आगे बढ़ रहा है।यह भी पढ़ें: एनआईए अदालत का बड़ा फैसला, इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों को सुनाई दस साल जेल की सजागौरतलब है कि ये तीन विधेयक संसद के मानसून सत्र में पेश किए गए थे। गृह मंत्री अमित शाह ने इन विधेयकों को व्यापक परामर्श और चर्चा के लिए स्थायी समिति के पास भेजने का आग्रह किया था। समिति को अगस्त महीने में तीनों विधेयकों का अध्ययन करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था।