Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Traffic Rules: हाईवे और एक्सप्रेस वे पर नियमों का उल्लंघन रोकेंगे नए कैमरे, एटीएमएस को किया जाएगा अपग्रेड

तमाम प्रयासों और दावों के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं में कहीं कोई कमी न आने के बाद एनएचएआई ने सड़क सुरक्षा के लिए अहम डिजिटल इन्फोर्समेंट की तरफ कदम बढ़ाये हैं। एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) को और अधिक अपग्रेड करते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस वे में नियमों का उल्लंघन रोकने के लिए नई वीडियो प्रणाली अपनाई जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 17 Oct 2023 10:23 PM (IST)
Hero Image
हाईवे और एक्सप्रेस वे पर नियमों का उल्लंघन रोकेंगे नए कैमरे। (फाइल फोटो)

मनीष तिवारी, नई दिल्ली। तमाम प्रयासों और दावों के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं में कहीं कोई कमी न आने के बाद एनएचएआई ने सड़क सुरक्षा के लिए अहम डिजिटल इन्फोर्समेंट की तरफ कदम बढ़ाये हैं। एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) को और अधिक अपग्रेड करते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस वे में नियमों का उल्लंघन रोकने के लिए नई वीडियो प्रणाली अपनाई जाएगी।

लगाए जाएंगे हाईटेक कैमरे

इसके तहत वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम (वीआईडीएस) कैमरे की जगह वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन एंड इन्फोर्समेंट सिस्टम (वीआइडीईएस) लगाया जाएगा। इसका मकसद दोपहिया वाहनों में तीन सवारियों के साथ ही हेलमेट और सीट बेल्ट के उल्लंघन के मामलों को सख्ती से रोकना है।

यह भी पढ़ेंः National Highway 34: फोरलेन पर रेलवे का अड़ंगा, हाईटेंशन लाइन शिफ्टिंग के लिए मांगे इतने पैसे; इंतजार में जनता

नियमों का उल्लघंन का चलेगा पता

यह प्रणाली 14 अलग-अलग उल्लंघनों की पहचान करने में समर्थ है, जिसमें गलत लेन या दिशा में ड्राइविंग, हाईवे में पशुओं की मौजूदगी पैदल यात्रियों के लिए क्रासिंग में अतिक्रमण आदि शामिल हैं। केवल हेलमेट या सीट बेल्ट न लगाने के कारण ही हर साल पांच से दस हजार लोगों की जान जाती है, जबकि सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या लगभग डेढ़ लाख के आसपास होती है।

एनएचएआई के अनुसार वीआइडीईएस प्रणाली के जरिये नियमों के उल्लंघन की जो जानकारी मिलेगी, उसकी मदद से रूट पैट्रोल वाहन या एंबुलेंस को अलर्ट किया जाएगा और इसके साथ ही ई चालान भी जनरेट होगा। ये अलर्ट आसपास के सभी मैसेज बोर्ड पर भी भेजे जाएंगे या फिर राजमार्ग यात्रा एप के माध्यम से इसका अलर्ट भेजा जाएगा।

ज्यादा क्षेत्र कवर करने की कोशिश

इस प्रणाली से ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र को कवर किया जा सके, इसके लिए इन कैमरों को हाईवे में हर दस किलोमीटर के दायरे में लगाया जाएगा। इसके साथ ही हर सौ किमी के अंतर पर एक स्टेट आफ द आर्ट कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी होगा, जहां सभी कैमरों के फीड का एक साथ विश्लेषण किया जाएगा। सड़क सुरक्षा की सबसे बड़ी कमी मानी जाने वाली बेहिसाब रफ्तार पर नियंत्रण के लिए भी नई प्रणाली में व्यवस्था की जा रही है।

इसके तहत वेहिकल स्पीड डिटेक्शन सिस्टम (वीएसडीएस) को भी वीआइडीईएस से जोड़ा जा रहा है। यह पूरा सिस्टम आटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान प्रणाली से भी जुड़ जाएगा। हाईवे और एक्सप्रेस वे पर नियमों के उल्लंघन को लेकर सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ लोगों में जागरूकता और नियमों के पालन के प्रति संस्कृति विकसित करने के साथ ही लंबे समय से सख्त इन्फोर्समेंट प्रणाली पर जोर देते रहे हैं।

यह भी पढ़ेंः टोल प्लाजा पर नहीं चलेगी वाहन सवारों की मनमानी, स्टाफ पर भी अंकुश; तोड़फोड़ की घटनाओं की होगी पूरी रिकार्डिंग

सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ और हाईवे-एक्सप्रेस वे पर कामकाज के लिए पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग कराने वाले रोहित बलूजा के अनुसार पुलिस से अलग एक इन्फोर्समेंट विंग के बिना हालात बदलना मुश्किल है। उनका कहना है कि विशेषज्ञता वाला यह काम अलग कौशल की मांग करता है।