Move to Jagran APP

New CDS of India: पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक से भी जुड़े थे नए सीडीएस अनिल चौहान

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ईस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रहे थे। उन्होंने एक सितंबर 2019 को लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नवरणे (पूर्व सेना प्रमुख) के बाद ये पद संभाला था। उन्हें सेना में कई पदकों से सम्‍मानित किया जा चुका है।

By JagranEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Wed, 28 Sep 2022 07:43 PM (IST)
Hero Image
केंद्र सरकार ने रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को नया सीडीएस (चीफ आफ डिफेंस स्‍टाफ) नियुक्‍त किया है
नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। जनरल बिपिन रावत के देहांत के बाद केंद्र सरकार ने रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को नया सीडीएस (चीफ आफ डिफेंस स्‍टाफ) नियुक्‍त किया है। अनिल चौहान सरकार के सैन्‍य मामलों के विभाग के सचिव के तौर पर भी काम करेंगे। वर्तमान में अनिल चौहान एनएससीएस के सैन्य सलाहकार के रूप में सेवा दे रहे थे। सेना से रिटायर होने के बाद भी उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में योगदान देना जारी रखा। उन्‍होंने सेना में करीब 40 साल तक काम किया। वह 31 मई, 2021 को रिटायर हुए थे। उनके पास जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्‍तर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में बड़ा अनुभव है। वह उत्‍तराखंड के पौड़ी के मूल निवासी हैं। उसके पहले जनरल बिपिन रावत भी उत्‍तराखंड में पौड़ी के रहने वाले थे। दोनों ने गोरखा राइफल्‍स में अपनी सेवाएं दी थीं।

सेना के कई पदकों से किए जा चुके हैं सम्‍मानित

वह ईस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रहे थे। उन्होंने एक सितंबर 2019 को लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नवरणे (पूर्व सेना प्रमुख) के बाद ये पद संभाला था। उन्हें सेना में परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल जैसे पदकों से सम्‍मानित किया जा चुका है। भारतीय सेना के डीजीएमओ भी रह चुके हैं। इससे पहले चौहान ने अफ्रीकी देश अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी सेवाएं दी हैं।

ऑपरेशन सनराइज के तहत चलाया था उग्रवादियों के विरूद्ध अभियान

बतौर डीजीएमओ उन्‍होंने पूर्वोतर में 'ऑपरेशन सनराइज' के तहत भारतीय और म्यांमार सेनाओं ने दोनों देशों की सीमाओं के पास उग्रवादियों के विरूद्ध समन्वित अभियान चलाया था। सेना के टाप कमांडरों में से एक शुमार रहे अनिल चौहान पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक की योजना से भी जुड़े थे। जब बालाकोट में हमला हुआ था तब वह डीजीएमओ थे।

भारत चीन सीमा पर सेना ने किया था शानदार प्रदर्शन

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के नेतृत्व में पूर्वी कमान की सेना ने भारत-चीन सीमा पर राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में साहस व इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया था।

11 गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया

चौहान का जन्‍म उत्‍तराखंड में 18 मई 1961 को हुआ था। उन्‍हें 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था। चौहान नेशनल डिफेंस एकेडमी खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र रहे हैं। मेजर जनरल रहते हुए उन्‍होंने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण जम्‍मू-कश्‍मीर की बारामुला सेक्टर में इन्फेंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी। बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के तौर पर उन्होंने पूर्वोत्‍तर में कोर की कमान संभाली। सितंबर 2019 में वह पूर्वी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने। मई 2021 में रिटायरमेंट तक उन्‍होंने यह पदभार संभाला।

इसे भी पढ़ें: CDS Appointment Rules: सैन्य प्रमुखों से एक रैंक नीचे के अधिकारी भी अब बन सकेंगे CDS, केंद्र ने नियुक्‍ति के लिए नियमों में किया संशोधन

इसे भी पढ़ें: सीडीएस रावत के हेलीकाप्टर में न कोई खराबी थी, न ही कोई साजिश, जानें कैसे हादसे का शिकार हुआ था चौपर