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नए सीडीएस ने तीनों सेना प्रमुखों से एकीकृत थिएटर कमांड बनाने के लिए कहा, युद्ध के लिए बदली जाएगी रणनीति

सीडीएस ने रक्षा बलों को थिएटर कमांड बनाने पर आगे बढ़ने के लिए कहा है जो उनका प्राथमिकता क्षेत्र होगा। इस मुद्दे पर पहले ही बहुत सारी चर्चा हो चुकी है और अब आगे बढ़ने का समय आ गया है।

By AgencyEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Sun, 02 Oct 2022 07:14 PM (IST)
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नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान
नई दिल्ली, एएनआई। सात महीने से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध ने सभी प्रमुख देशों को फिर से जंग के लिए रणनीति बनाने के लिए मजबूर किया है। इसीलिए देश की सुरक्षा चिंताओं को लेकर नए सीडीएस अनिल चौहान ने पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नक्शेकदम पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में तीनों रक्षा बलों के साथ अपने पहली बातचीत में नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने थल सेना, नौसेना और वायु सेना को एकीकृत थिएटर कमांड के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए कहा है।

एलसीए की तैनाती के लिए जोधपुर का दौरा करेंगे

नए सीडीएस एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के साथ तीन अक्टूबर को जोधपुर का दौरा भी करेंगे, जिसमें भारतीय वायुसेना में हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर को शामिल किया जाएगा, जो कि उनका नया कार्यालय संभालने के बाद दिल्ली के बाहर उनकी पहली यात्रा होगी। ज्ञात हो कि चीफ आफ डिफेंस स्टाफ का पद 2019 में बनाया गया था। अगले युद्ध लड़ने में मदद करने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के शीर्ष जनादेशों में से एक था। इसके तहत थल सेना, नौसेना और वायु सेना को संयुक्त रूप से एकीकृत थिएटर कमांड बनाना था।

नए सीडीएस की प्राथिमकता में एकीकृत थिएटर कमांड

इस बारे में सरकारी सूत्रों ने बताया कि सीडीएस ने रक्षा बलों को थिएटर कमांड बनाने पर आगे बढ़ने के लिए कहा है, जो उनका प्राथमिकता क्षेत्र होगा। इस मुद्दे पर पहले ही बहुत सारी चर्चा हो चुकी है और अब आगे बढ़ने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं ने थिएटर कमांड के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने के लिए व्यक्तिगत क्षमता के साथ-साथ संयुक्त रूप से कई अध्ययन भी किए हैं।

सेनाओं को आधुनिक हथियारों से लैस, लड़ाकू इकाइयों में बदलने पर जोर

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के पूर्ववर्ती दिवंगत जनरल बिपिन रावत भी तीनों सेनाओं को आधुनिक हथियारों से लैस और चुस्त लड़ाकू इकाइयों में बदलने पर जोर दे रहे थे। पहले की योजनाओं के अनुसार एक समुद्री थिएटर कमांड के साथ पश्चिमी और पूर्वी भूमि आधारित कमानों का निर्माण किया जाना था। एयर डिफेंस कमांड भी बनाई जानी थी। इसके लिए फिलहाल लद्दाख क्षेत्र को कुछ समय के लिए छोड़ देन की योजना थी, जहां चीन के साथ सीमा विवाद चल रहा है।

कई थियेटर कमानों के गठन पर सवाल

हालांकि वायुसेना ने थिएटर कमानों के गठन का समर्थन करते हुए भी कई थियेटर कमानों के गठन के विरुद्ध विचार व्यक्त किए हैं क्योंकि इसके लड़ाकू विमानों समेत उसकी कई वर्तमान परिसंपत्तियों का विभाजन हो सकता है। वायुसेना किसी भी थल या समुद्री थियेटर कमान के भी विरुद्ध थी और चाहती थी कि विभिन्न ओर से विशिष्ट खतरों से निपटने के लिए थियेटर कमानों का गठन किया जाए।

कमांडों के निर्माण में तेजी आने की संभावना

जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद तीनों सेनाओं द्वारा ये अध्ययन और प्रस्तुतियां जारी हैं। इस मामले में रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को प्रस्तुतियां दी गई हैं। सीडीएस जनरल चौहान के अब पदभार संभालने के साथ इन कमांडों के निर्माण में तेजी आने की संभावना है और इस संबंध में जल्द ही फैसले लिए जाने की उम्मीद है।

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