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Lt General Anil Chauhan: सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने संभाला CDS का पदभार, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

Lt General Anil Chauhan New CDS Officer लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने (रिटायर्ड) आज शुक्रवार को नए CDS के तौर पर पदभार संभाला। सरकार ने बुधवार को लेफ्टिनेंट जनरल चौहान को सीडीएस नियुक्त करने की घोषणा की थी।

By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Fri, 30 Sep 2022 10:35 AM (IST)
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लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान देश के नये सीडीएस (फाइल इमेज)
नई दिल्ली, एजेंसी। Lt General Anil Chauhan New CDS Officer  देश को नया चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) मिल गया है। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (Lt General Anil Chauhan) देश के अगले सीडीएस हुए। अनिल चौहान ने आज अपना पदभार संभाला। अनिल चौहान जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) की जगह पर देश के दूसरे सीडीएस बने हैं। आपको बता दें कि पिछली साल दिसंबर में एक हेलिकॉप्टर हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद से यह पद खाली था।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद जनरल अनिल चौहान को दिल्ली के साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सीडीएस जनरल अनिल चौहान इस मौके पर अपने पिता सुरेंद्र सिंह चौहान के साथ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर दिखें। 

सेनाओं की आशाओं को करूंगा पूरा - जनरल अनिल चौहान

CDS जनरल अनिल चौहान ने इस मौके पर कहा- 'मुझे गर्व है कि आज मैं भारतीय सेनाओं के प्रमुख पद पर कार्यभार संभालने जा रहा हूं। भारत सरकार, तीनों सेनाओं की आशाओं को पूरा करने की कोशिश करूंगा। हमारे सामने सुरक्षा संबंधी जो भी चुनौतियां और मुश्किलें हैं उसको साझा रूप से दूर करने की कोशिश करेंगे।'

गौरतलब है कि भारत सरकार ने साल 2019 में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद सृजित किया था। जनवरी, 2020 में तत्कालीन जनरल बिपिन रावत ने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्यभार संभाला था। 08 दिसंबर, 2021 को जनरल रावत के निधन के बाद से सीडीएस का पद लंबे समय से खाली था।

देश के पहले सेनानिवृत्त 4 स्टार रैंक के हुए अधिकारी

लेफ्टिनेंट जनरल चौहान (सेवानिवृत्त) भारत के दूसरे सीडीएस के रूप में कार्यभार संभालने के बाद चार सितारा रैंक के जनरल का पद ग्रहण किया। लेफ्टिनेंट जनरल चौहान देश के पहले सेवानिवृत्त तीन सितारा रैंक के अधिकारी होंगे जो चार सितारा रैंक के अधिकारी के रूप में सेवा में वापसी किए हैं। पिछले साल पूर्वी सेना कमांडर के रूप में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद, वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में सैन्य सलाहकार के रूप में कार्यरत थे।

कई महत्वपूर्ण पदों पर चुके हैं कार्य

18 मई 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन प्रदान किया गया था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं। मेजर जनरल के रैंक में उन्होंने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी। बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में, उन्होंने उत्तर-पूर्व में एक कोर की कमान संभाली और बाद में सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने तथा मई 2021 में सेवा से अपनी सेवानिवृत्ति तक पदभार संभाला।

इन कमांड नियुक्तियों के अलावा वह महानिदेशक, मिलिट्री ऑपरेशन्स के प्रभार समेत महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों पर भी रहे। इससे पहले उन्होंने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन के रूप में भी काम किया। वह 31 मई 2021 को भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए। सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद भी, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में योगदान देना जारी रखा। सेना में विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।

सीडीएस की नियुक्ति नियमों में दी ढील

मालूम हो कि जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद सरकार ने नए सीडीएस की नियुक्ति के लिए नियमों में बदलाव करते हुए उसे लचीला बना दिया था। पहले के नियम के हिसाब से केवल तीनों सेनाओं के प्रमुख पद पर रहे चार स्टार जनरल यानि सेनाध्यक्ष, नौसेनाध्यक्ष और वायुसेनाध्यक्ष रहे व्यक्ति ही सीडीएस बन सकते थे। लेकिन नए नियमों के अनुसार लेफ्टिनेंट जनरल, वाइस एडमिरल और एयर मार्शल स्तर के तीन स्टार सैन्य अधिकारी भी सीडीएस बन सकते हैं।

सैन्‍य अकादमी देहरादून के छात्र

इन्हीं नए नियमों के तहत लेफ्टिनेंट जनरल चौहान को नया सीडीएस नियुक्त किया गया है। 18 मई, 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़गवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं। मेजर जनरल रैंक में उन्होंने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी।

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