कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के जेनेटिक कोड में हुए 23 बदलाव, सात लक्षणों की हुई पहचान
ब्रिटेन में कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन(नया प्रकार) सामने आया है। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका में भी कोरोना का एक नया स्ट्रेन आया है। यह दोनों प्रकार कोरोना के सबसे ज्यादा संक्रामक प्रकार बताए जा रहे हैं। इसमें कई बदलाव हुए हैं।
By Shashank PandeyEdited By: Updated: Fri, 25 Dec 2020 03:48 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के एक और रूप यानी स्ट्रेन के सामने आने के बाद विज्ञानियों की चुनौतियां और लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। नए स्ट्रेन के जेनेटिक कोड में 23 बदलाव हुए हैं। इनमें से छह से तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला, लेकिन बाकी बदलावों का असर वायरस के व्यवहार पर पड़ सकता है। ब्रिटेन स्थित नेशनल हेल्थ सíवस यानी एनएचएस ने नए स्ट्रेन के कारण होने वाले संक्रमण के सात लक्षणों की पहचान की है।
कैसे हैं वायरस के नए स्ट्रेनमाना जाता है कि ब्रिटेन में कोरोना का पहला नया स्ट्रेन सितंबर में केंट प्रांत में सामने आया था, जबकि दूसरा दक्षिण अफ्रीका से वहां पहुंचा है। नवंबर में लॉकडाउन के बावजूद जब कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी तब इसकी जांच की गई और तभी पहले नए स्ट्रेन की जानकारी सामने आई। दूसरे स्ट्रेन की पहचान इसी महीने जीनोमिक सर्विलांस से हुई। इन दोनों स्ट्रेन में समानताएं तो हैं, लेकिन बिल्कुल एक जैसे नहीं हैं। हालांकि, माना जा रहा है कि दोनों ही पहले वाले से ज्यादा घातक माने जा रहे है।
ज्यादा संक्रामक हो सकते हैं नए स्ट्रेनविशेषज्ञों का मानना है कि ब्रिटेन वाले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के जेनेटिक कोड में हुए 23 बदलाव इसे ज्यादा संक्रामक बना सकते हैं। सबसे चिंता की वजह कोरोना के स्पाइक में हुए बदलाव या म्युटेशन हैं। ये स्पाइक कोरोना की सतह से कील की तरह चिपके रहते हैं और वायरस को कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करते हैं। ज्यादातर वैक्सीन इन्हीं स्पाइक को लक्ष्य करके बनाई जा रही हैं। कम से कम तीन स्पाइक म्युटेशन एन501वाई, एन439के व वाई453एफ वायरस को मनुष्यों को संक्रमित करने में मदद कर सकते हैं।
स्पाइक में हुआ एक अन्य बदलाव लोगों की एंटीबॉडी को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जो पहले ठीक हो चुके हों या जिन्होंने कोरोना की वैक्सीन ले रखी है। दक्षिण अफ्रीका वाले कोरोना स्ट्रेन में भी कई बदलाव हुए हैं, जिनमें एन501वाई म्युटेशन सबसे उल्लेखनीय है। क्यों तेजी से फैल रहा नया स्ट्रेनविज्ञानी इस बात पर बल दे रहे हैं कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन पहले वाले से ज्यादा संक्रामक हैं। विशेषज्ञ केंट व ब्रिटेन के अन्य इलाकों में नवंबर में हुए लॉकडाउन के दौरान तेजी से बढ़ने वाले कोरोना संक्रमण का हवाला देते हैं। विज्ञानी कहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान कोरोना का नया स्ट्रेन तेजी से फैला, जबकि पुराने वायरस में गिरावट दर्ज की गई। अगर उनका दावा सही है तो वायरस के दोनों नए स्ट्रेन हवा के जरिये तेजी से फैल सकते हैं और ज्यादा लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
56 फीसद ज्यादा संक्रामक : रिपोर्टलंदन स्थित सेंटर फॉर मैथेमेटिकल मॉडलिंग ऑफ इंफेक्शस डिजिज के अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन 56 फीसद ज्यादा संक्रामक हो सकते हैं। हालांकि, इसका अभी तक कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है कि यह ज्यादा घातक भी होगा। इससे पहले ब्रिटेन सरकार भी यह कह चुकी है कि नया स्ट्रेन 70 फीसद तक ज्यादा संक्रामक हो सकता है। ऐसे में नए स्ट्रेन के प्रसार के बाद ज्यादा अस्पतालों और क्वारंटाइन सुविधाओं की जरूरत पड़ सकती है।
नए स्ट्रेन के लक्षण कोरोना वैक्सीन की सफलता ने जहां लोगों में उम्मीद भर दी थी, वहीं वायरस के नए स्ट्रेन के सामने आने के बाद उनकी चिंता बढ़ गई है। खासकर जब विज्ञानी यह दावा कर रहे हैं कि नए स्ट्रेन ज्यादा संक्रामक हैं और ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ने की प्रमुख वजह भी हो सकते हैं। हालांकि, विज्ञानी और विशेषज्ञ नए स्ट्रेन के रहस्यों को सुलझाने और उसकी काट ढूंढ़ने में लगे हुए हैं। इस बीच एनएचएस ने नए स्ट्रेन के कारण होने वाले संक्रमण के तीन सामान्य लक्षणों के अलावा सात नए लक्षणों की पहचान की है। तीन सामान्य लक्षण हैं-बुखार, सूखी खांसी व गंध व स्वाद महसूस नहीं कर पाना। अन्य सात लक्षण हैं-थकान, भूख न लगना, सिर दर्द, डायरिया, भ्रम की स्थिति, मांसपेशियों में दर्द व त्वचा पर चकत्ते बनना।
एहतियाती उपायों के प्रति रहें गंभीर
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ब्रिटेन से होते हुए दुनिया के कई देशों तक फैल चुके हैं। ऐसे में इसके तेजी से प्रसार की आशंका बनी रहेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ज्यादा संक्रामक हैं तो हमें एहतियाती उपायों के प्रति अधिक गंभीर होना होगा। हमें शारीरिक दूरी के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा और सार्वजनिक स्थानों पर मास्क अनिवार्य रूप से लगाना होगा। हाथों तथा शरीर की साफ-सफाई पर ध्यान देना होगा। यही नहीं अपने घरों में हवा के आवागमन यानी वेंटीलेशन की पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी। बहुत जरूरी हो तभी घरों से निकलें और खानपान पर समुचित ध्यान दें।