Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Electoral Bond: आज फिर आएगा चुनावी बॉन्ड पर नया आंकड़ा, सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने आयोग को सौंपा सील बंद ब्योरा

सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए शनिवार को चुनाव आयोग को सील बंद लिफाफे में जमा कराया गया चुनावी बॉन्ड का ब्योरा वापस कर दिया है। अब चुनाव आयोग रविवार शाम तक यह ब्योरा वेबसाइट पर डाल देगा। यह ब्योरा अप्रैल 2019 से पहले का है। संभव है कि इस ब्योरे में पूरे आंकड़े होंगे।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Sun, 17 Mar 2024 06:00 AM (IST)
Hero Image
आज फिर आएगा चुनावी बॉन्ड पर नया आंकड़ा। (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए शनिवार को चुनाव आयोग को सील बंद लिफाफे में जमा कराया गया चुनावी बॉन्ड का ब्योरा वापस कर दिया है। अब चुनाव आयोग रविवार शाम तक यह ब्योरा वेबसाइट पर डाल देगा। यह ब्योरा अप्रैल 2019 से पहले का है।

संभव है कि इस ब्योरे में पूरे आंकड़े होंगे, जिससे यह भी पता चलेगा कि उस दौरान किस कंपनी ने किस राजनीतिक दल को फंडिंग की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 14 मार्च को चुनाव आयोग ने 22,217 चुनावी बांड के ब्योरे को सार्वजनिक किया था।

कोर्ट ने 2019 से पहले के आंकडे भी सार्वजनिक करने को कहा

कोर्ट ने जब 2019 से पहले के आंकडे भी सार्वजनिक करने को कहा तो चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया था कि पहले की सारी जानकारी वह पहले ही मूल रूप में कोर्ट में जमा करा चुका है। लिहाजा कोर्ट उसे वापस करे, तभी सार्वजनिक हो सकेगा। कोर्ट ने शनिवार को वह जानकारी वापस कर दी है। अब रविवार को चुनाव आयोग उसे सार्वजनिक करेगा।

अल्फा न्यूमेरिकल (विशिष्ट नंबर) की जानकारी नहीं थी

गौरतलब है कि 2019 से पहले का जो डेटा चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपा था, वह राजनीतिक दलों की ओर से दी गई थी। ऐसे में इसकी पूरी संभावना है कि उस डेटा से फंड देने वाली कंपनियों का भी नाम उजागर हो। जो डेटा 14 मार्च को जारी किया गया था, उसे एसबीआई की ओर से दिया गया था। उसमें अल्फा न्यूमेरिकल (विशिष्ट नंबर) की जानकारी नहीं थी।

सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से पूछा था कि यह नंबर क्यों नहीं मुहैया कराया गया। इस बाबत अब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।

ये भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव में तैनात किए जाएंगे 3.4 लाख केंद्रीय सुरक्षाकर्मी, बंगाल-कश्मीर में होंगे सबसे ज्यादा जवान