Move to Jagran APP

नया डाटा संरक्षण विधेयक तैयार, मानसून सत्र में होगा पेश; केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी

पीठ ने अटार्नी जनरल की दलीलों का संज्ञान लिया और निर्देश दिया कि मामले को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष रखा जाए ताकि एक नई पीठ का गठन किया जा सके क्योंकि जस्टिस जोसेफ 16 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Tue, 11 Apr 2023 09:43 PM (IST)
Hero Image
कोर्ट ने अगस्त के पहले हफ्ते तक स्थगित की मामले की सुनवाई
नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि नया डाटा संरक्षण विधेयक तैयार है और जुलाई में संसद के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। शीर्ष अदालत इंटरनेट मीडिया यूजर्स की निजता की चिंताओं से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही है।

नए विधेयक में वर्तमान याचिकाओं में व्यक्त

जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ को अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने बताया कि नए विधेयक में वर्तमान याचिकाओं में व्यक्त की गईं सभी चिंताओं का समाधान किया जाएगा। संसद का मानसून सत्र हर वर्ष जुलाई में प्रारंभ होता है और अगस्त तक जारी रहता है। संविधान पीठ में जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस हृषिकेश राय और जस्टिस सीटी रविकुमार भी शामिल हैं।

कोर्ट ने अगस्त के पहले हफ्ते तक स्थगित की मामले की सुनवाई

पीठ ने अटार्नी जनरल की दलीलों का संज्ञान लिया और निर्देश दिया कि मामले को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष रखा जाए ताकि एक नई पीठ का गठन किया जा सके क्योंकि जस्टिस जोसेफ 16 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

इसके बाद पीठ ने मामले को अगस्त, 2023 के पहले सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने दलील दी कि अदालत की सुनवाई को विधायी प्रक्रिया से नहीं जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि पिछले तीन अवसरों पर शीर्ष अदालत को हर बार बताया गया था कि डाटा संरक्षण विधेयक पारित होने की संभावना है।

विधेयक बहुत ही गुणवत्तापूर्ण परामर्श प्रक्रिया से गुजरा है: वेंकटरमणी

विधायी प्रक्रिया जटिल है और इसे (विधेयक को) कुछ समितियों को भेजा जा सकता है। दीवान की दलीलों का वेंकटरमणी ने पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि परामर्श सतत प्रक्रिया है और विधेयक बहुत ही गुणवत्तापूर्ण परामर्श प्रक्रिया से गुजरा है। यह न कहें कि हम समय जाया कर रहे हैं। हम बेहतर कानून चाहते हैं।

शीर्ष अदालत दो छात्रों कर्मण्य सिंह सरीन और श्रेया सेठी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में व्हाट्सएप और फेसबुक के बीच उसके उपयोगकर्ताओं के फोन काल, संदेश, तस्वीर, वीडियो और दस्तावेजों तक पहुंच प्रदान करने के लिए किए गए अनुबंध को चुनौती देते हुए कहा गया कि यह उनकी गोपनीयता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।