UGC FYUP Plan: 4 साल में ग्रेजुएशन, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट का मिलेगा मौका; अभी जान लें बड़ी बात
New Education Policy विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने FYUP का नया ड्राफ्ट तैयार कर लिया है इसकी घोषणा 12 दिसंबर 2022 को हो सकती है। इसे ऐसे से भी समझा जा सकता है कि पहले तीन साल में होने वाली ग्रेजुएशन की पढ़ाई को अब चार सालों में पूरा करना होगा।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Sat, 10 Dec 2022 08:19 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। UGC FYUP Plan: यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) की तरफ से ग्रेजुएशन को लेकर बनाए गए नए नियमों को जल्द ही लागू किए जाने की उम्मीद है। नए नियमों के मुताबिक, किसी भी सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन करने वाले उम्मीदवारों को फोर ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (FYUP) करना होगा। नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने FYUP का नया ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, इसकी घोषणा 12 दिसंबर 2022 को हो सकती है। इसे इस तरह से भी समझा जा सकता है कि पहले तीन साल में होने वाली ग्रेजुएशन की पढ़ाई को अब चार सालों में पूरा करना होगा।
पहले की सार्वजनिक कर दिया गया था ड्राफ्ट
गौरतलब है कि, यूजीसी ने मार्च में ही प्रस्तावित नियमों का एक ड्राफ्ट सार्वजनिक कर दिया था। इस बीच यहां ये जानना भी जरूरी है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की तरफ से पेश किए जाने वाले फोर ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स पर इस नए फैसले का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यूजीसी के मुताबिक, 'जो छात्र तीन साल में ग्रेजुएशन करना चाहते हैं, उन्हें 120 क्रेडिट (अकादमिक घंटों की संख्या के माध्यम से मापा जाता है) प्राप्त करने होंगे जबकि चार साल में यूजी ऑनर्स की डिग्री के लिए चार साल में 160 क्रेडिट हासिल करने होंगे।'
मल्टीपल एंट्री-एग्जिट का ऑप्शन
यहां ये भी बता दें कि, अगर कोई छात्र रिसर्च स्पेशलाइजेशन करना चाहत है तो उसे अपने चार साल के कोर्स में एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करना होगा। इससे छात्र को रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ ऑनर्स की डिग्री मिलेगी। फोर ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम छात्रों को मल्टीपल एंट्री-एग्जिट का ऑप्शन भी देगा। छात्र तीन साल से पहले कोर्स छोड़ देते हैं, तो उन्हें बाहर निकलने के तीन साल के भीतर फिर से शामिल होने की परमिशन दी जाएगी। हालांकि, ऐसे छात्रों को डिग्री के लिए सात साल के अंदर अपनी पढ़ाई पूरी करनी होगी।ये भी जानें
फिलहाल, छात्रों को तीन साल के यूजी कोर्स को पूरा करने के बाद ऑनर्स डिग्री मिलती है। यूजीसी के मुताबिक, "जो छात्र पहले से पढ़ रहे हैं और मौजूदा च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (CBCS) के अनुसार तीन साल के UG प्रोग्राम में हैं, वो चार साल के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम को आगे बढ़ाने के लिए पात्र है।'' विश्वविद्यालय उन्हें प्रोग्राम में बदलाव के लिए ब्रिज कोर्स (ऑनलाइन) का ऑप्शन देगा।
गौरतलब है कि, यूजीसी ड्राफ्ट के अनुसार फोर ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए करिकुलम में प्रमुख स्ट्रीम कोर्स, माइनर स्ट्रीम कोर्स, अन्य विषयों के पाठ्यक्रम, लैंग्वेज कोर्स, स्किल कोर्स और एनवायरनमेंट एजुकेशन कोर्स, भारत को समझना, डिजिटल और टेक्नोलॉजिकल समाधान, स्वास्थ्य और कल्याण, योग शिक्षा, खेल और फिटनेस कोर्स का एक सेट है.
होगा ये विकल्प
दूसरे सेमेस्टर के अंत में, छात्र अपने चुने हुए प्रमुख कोर्स को जारी रखने या अपने कोर्स को बदलने का निर्णय ले सकते हैं। छात्रों के पास सिंगल मेजर या डबल मेजर के साथ यूजी में जाने का विकल्प भी होगा। ड्राफ्ट में साफ कहा गया है कि सिंगल मेजर में एक छात्र को तीन या चार साल के डिग्री कोर्स से कम से कम 50 प्रतिशत क्रेडिट स्कोर करना होगा।
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