वैश्विक शिक्षा सुधारों के ब्लूप्रिंट के तौर पर उभरी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, जी-20 देशों ने भी माना लोहा
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने को लेकर देश के कुछ राज्य व राजनीतिक दल भले ही राजनीति करते दिख रहे है लेकिन दुनिया इस नीति से न सिर्फ प्रभावित है बल्कि वैश्विक शिक्षा सुधारों के ब्लूप्रिंट के तौर पर भी देख रही है। शिक्षा व कौशल विकास को लेकर जी-20 देशों के बीच अलग-अलग विषयों को लेकर अबतक चार से अधिक बैठकें हो चुकी है।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 08 Sep 2023 09:00 PM (IST)
अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) लागू करने को लेकर देश के कुछ राज्य व राजनीतिक दल भले ही राजनीति करते दिख रहे है, लेकिन दुनिया इस नीति से न सिर्फ प्रभावित है, बल्कि वैश्विक शिक्षा सुधारों के ब्लूप्रिंट के तौर पर भी देख रही है।
NEP में इन मुद्दों को दी गई प्रमुखता
जी-20 देशों का मानना है कि दुनिया में शिक्षा से जुड़े सुधारों की जरूरत के साथ या इस दिशा में जो काम हो रहा है वह सभी पहलु एनईपी में शामिल है। इनमें प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा, नवाचार, शोध, तकनीक और कौशल विकास जैसे सभी विषयों को प्रमुखता दी गई है।
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खासबात यह है कि जी-20 सम्मेलन में शिक्षा और कौशल से जुड़े एजेंड़े की प्राथमिकता के विषय भी यही थे। एनईपी को लेकर जी-20 देशों का यह निष्कर्ष तब सामने आया है, जब भारत की अध्यक्षता में चल रही यह बैठक समापन की ओर है।
शिक्षा व कौशल विकास को लेकर जी-20 देशों के बीच अलग-अलग विषयों को लेकर अबतक चार से अधिक बैठकें हो चुकी है। इन बैठकों में शिक्षा मंत्रालय ने एनईपी के तहत किए जाने वाले सुधारों को प्रमुखता से रखा। साथ ही बताया कि दुनिया भी इन सुधारों को अपनाकर आगे बढ़ सकती है।
इस दौरान जी- 20 सदस्य देशों ने भी प्रत्येक स्तर पर शिक्षा में सुधार से जुड़े अपने कार्यों की प्रस्तुति दी, लेकिन कोई भी देश एनईपी जैसा शिक्षा सुधार का रोड़मैप नहीं रख सका। जिसमें छोटे से बड़े सभी पहलु शामिल हो। इसके साथ ही कोई भी ऐसी बड़ी चीज नहीं सामने आयी, जो एनईपी में छूट गई और सुधार के लिए उसे जरूरी पाया गया हो।
जी-20 की बैठकों में प्राथमिक स्तर पर बच्चों को मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान देने को लेकर लंबी चर्चा हुई। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया ने अपने यहां इसे लेकर चलाए रहे कनेक्टेड बिगिनिंग्स प्रोग्राम, कनाडा ने अर्ली लर्निंग एंड चाइल्ड केयर (ELCC) सिस्टम, तो ब्राजील ने शिक्षा और प्रौद्योगिकी में सुधार पाठ्यक्रम, सऊदी अरब ने टीचर मेंटरशिप प्रोग्राम, यूरोपीय संघ ने पाथवे पहल और चीन ने अनिवार्य शिक्षा पाठ्यक्रम योजना आदि को प्रमुखता से पेश किया।
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