New Indian Parliament : जानें, कितना आलीशान होगा नया संसद भवन, किसके दिमाग की है उपज और कैसे पुराने से है अलग
नए संसद भवन के निर्माण के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने कई कदम उठाए गए हैं। इसमें सभी सांसदों के लिए अलग-अलग कार्यालय होंगे। उनके कार्यालयों को पेपरलेस ऑफिस बनाने के लिए नवीनतम डिजिटल इंटरफेस से लैस किया जाएगा।
By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Thu, 10 Dec 2020 05:08 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों गुरुवार को संसद की नई इमारत के शिलान्यास के साथ निर्माण कार्य भी शुरू हो गया। आजादी के 75वें साल यानी 2022 में आधुनिक तकनीक और सुविधा से लैस नए भवन में संसद के दोनों सदनों की बैठकें होंगी। इसके साथ ही संसद का पुराना भवन प्राचीन धरोहर का हिस्सा बन जाएगा। नई इमारत में हर सांसद का अपना कार्यालय होगा। नया संसद भवन अगले सौ साल की जरूरतों को पूरा करेगा। नए संसद भवन को कुछ ऐसे बनाया जा रहा है कि भविष्य में सांसदों की संख्या बढ़ने पर भी कोई परेशानी नहीं होगी। पुराने संसद भवन की तुलना में नए संसद भवन में ज्यादा कमेटी रूम और पार्टी ऑफिस होंगे।
नई संसद के निर्माण से जोड़े गए शिल्पकार और कलाकारों के संगठननई संसद में देश की विरासत, इतिहास और विविधता को दर्शाने के लिए देश के करीब 200 शिल्पकार और कलाकारों के संगठनों को भी जोड़ा गया है। नए भवन की ऊंचाई संसद के मौजूदा भवन के बराबर होगी। इसमें एक बेसमेंट सहित तीन फ्लोर होंगे। नया संसद भवन 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में बनाया जाएगा। नई इमारत पुरानी से करीब 17,000 वर्गमीटर ज्यादा बड़ी होगी। नए संसद भवन में लोकसभा का आकार मौजूदा से तीन गुना ज्यादा होगा। राज्यसभा का भी आकार बढ़ेगा। नए भवन की साज-सज्जा में भारतीय संस्कृति, शिल्प और वास्तुकला, क्षेत्रीय कला की विविधता मिलाजुला रूप होगा। डिजाइन योजना में केंद्रीय संवैधानिक गैलरी को स्थान दिया गया है। आम लोग इसे देख सकेंगे। नए संसद भवन में पर्यावरण अनुकूल कार्यशैली का इस्तेमाल होगा। सोलर सिस्टम से ऊर्जा बचत भी होगी।
अंडरग्राउंड टनल से जुड़ेगा सांसदों का दफ्तर
पिछले दिनों नए संसद भवन को लेकर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सांसदों के कार्यालय कक्ष में सांसद के साथ उनके निजी सहायक के बैठने की भी व्यवस्था होगी। इस भवन को अंडरग्राउंड टनल के जरिये नए संसद भवन से जोड़ा जाएगा। ओम बिरला ने कहा कि संसद का नया भवन ईंट- पत्थर का नहीं, बल्कि 130 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं का भवन होगा। इसके निर्माण में अगले 100 साल से अधिक की जरूरतों पर ध्यान दिया जा रहा है।
नई संसद वायु और ध्वनि प्रदूषण से होगी मुक्तनए संसद भवन के निर्माण के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने कई कदम उठाए गए हैं। इसमें सभी सांसदों के लिए अलग-अलग कार्यालय होंगे। उनके कार्यालयों को पेपरलेस ऑफिस बनाने के लिए नवीनतम डिजिटल इंटरफेस से लैस किया जाएगा। नई इमारत में एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान भी होगा।
जानें क्या होगी नए संसद भवन की खासियत 971 करोड़ रुपये खर्च होंगे नए संसद भवन के निर्माण पर64,500 वर्ग मीटर में फैला होगा नया संसद भवनदेश की प्रतिष्ठित कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कर रही है भवन का निर्माणडिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया हैतीन मंजिला होगा नया संसद भवन, 1224 सदस्यों के बैठने की होगी व्यवस्था
2,000 मजदूर और इंजीनियर प्रत्यक्ष तौर पर निर्माण कार्य में होंगे शामिल 2022 अक्टूबर में पूरा होगा भवन का निर्माणनवंबर-दिसंबर 2022 से संसद के दोनों सदनों की बैठकें नए भवन में होंगी9,000 से अधिक लोग परोक्ष रूप से जुड़ेंगे निर्माण कार्य से 888 सदस्यों के बैठने की लोकसभा कक्ष में होगी व्यवस्था 326 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी राज्यसभा कक्ष में
1,224 सदस्य संयुक्त अधिवेशन के दौरान बैठ सकेंगे लोकसभा कक्ष मेंहर सांसद को मिलेगा 40 वर्गमीटर का दफ्तर 83 लाख रुपये और छह साल में बना था मौजूदा संसद भवन देश के मौजूदा संसद भवन का निर्माण ब्रिटिश शासनकाल में हुआ था। इसकी नींव 12 फरवरी, 1921 को रखी गई थी। भवन का निर्माण 83 लाख रुपये की लागत से छह साल में हुआ था। 18 जनवरी, 1927 को तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने संसद भवन का उद्घाटन किया था। इस भवन की डिजाइनिंग एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने की थी। ब्रिटिश सरकार ने इन्हें नई दिल्ली के नियोजन और निर्माण की भी जिम्मेदारी सौंपी थी।