New Rules from 1st April: नए वित्त वर्ष के साथ नए नियमों के लिए भी रहें तैयार, ये हो रहे बदलाव
New Rules from 1st April 2022 अगर किसी कारोबारी ने एक पैन से ही कई राज्यों में जीएसटी नंबर ले रखा है तो नए वित्त वर्ष में वह एक राज्य के खाते से दूसरे राज्य में राशि ट्रांसफर कर सकेगा। पहले यह सहूलियत नहीं थी।
By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Thu, 31 Mar 2022 12:14 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। पहली अप्रैल से वित्त वर्ष 2022-23 की शुरुआत हो जाएगी। हर साल की तरह इस साल भी नए वित्त वर्ष के साथ कुछ नए नियम आपकी जेब पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से असर डालने के लिए तैयार हैं। कुछ बदलाव आमजन को प्रभावित करेंगे तो कुछ नियमों का कारोबारियों पर सीधा असर दिखेगा। इन्हें जान कर कुछ अनावश्यक परेशानियों से बचा जा सकता है। इन पर एक नजर:
अब जुर्माने के साथ होगा पैन-आधार लिंक : पैन को आधार से लिंक कराने की आखिरी तारीख 31 मार्च, 2022 है। इनकम टैक्स कानून, 1961 के मुताबिक पैन को आधार से लिंक नहीं कराने पर पैन निरस्त हो जाएगा। फिलहाल थोड़ी राहत देते हुए सरकार ने लोगों को पहली अप्रैल से जुर्माने के साथ पैन और आधार लिंक करने का विकल्प दिया है। 30 जून तक जुर्माने की राशि 500 रुपये और उसके बाद 1,000 रुपये हो जाएगी। 31 मार्च, 2023 तक भी पैन-आधार लिंक नहीं कराने पर पैन निरस्त हो जाएगा।
क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स : बजट घोषणा के तहत पहली अप्रैल से सभी वर्चुअल डिजिटल असेट या क्रिप्टो असेट पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा। क्रिप्टोकरेंसी या ऐसे किसी लेनदेन से हुए फायदे पर यह टैक्स देना होगा। साथ ही क्रिप्टो असेट बेचने पर एक प्रतिशत टीडीएस कटेगा। लेनदेन में नुकसान की जिम्मेदारी सरकार की नहीं होगी।कुछ बैंक बदल रहे हैं नियम : एक्सिस बैंक बचत खाते के लिए मिनिमम बैलेंस को 10 हजार से बढ़ाकर 12 हजार कर रहा है। साथ ही निशुल्क निकासी की सीमा चार बार या डेढ़ लाख रुपये कर दी जाएगी। दूसरी ओर, पीएनबी पाजिटिव पे सिस्टम शुरू करेगा। इसके तहत 10 लाख या इससे अधिक की राशि के चेक के लिए सत्यापन अनिवार्य होगा।
डाकघर बचत योजना : डाकघर की बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज को अब तक नकद में लेने की सुविधा थी। पहली अप्रैल से ऐसा नहीं हो सकेगा। ब्याज सीधे खाते में जाएगा। इसके लिए डाकघर में बचत खाता या बैंक खाता अनिवार्य होगा।डिजिटल होगा म्यूचुअल फंड निवेश : म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए चेक, बैंक ड्राफ्ट या अन्य भौतिक माध्यम से लेनदेन नहीं किया जा सकेगा। एक अप्रैल से म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए यूपीआइ या नेटबैंकिंग से ही भुगतान हो सकेगा।
कारोबारियों के लिए..आइटीसी के नियम भी बदलेंगे : कई बार कारोबारी जीएसटी में पंजीकृत होता है और छह महीने या सालभर में अपने पंजीयन को सरेंडर कर देता है या कुछ हेराफेरी करके गायब हो जाता है। नए पंजीकृत कारोबारियों की विश्वसनीयता को पहले परखा जाएगा। इससे नए पंजीयन वाले कारोबारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) मिलने में कुछ देरी हो सकती है।
ई-इनवायस की व्यवस्था होगी अनिवार्य : एक अप्रैल से 20 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए इलेक्ट्रानिक इनवायस अनिवार्य हो जाएगा। अभी 50 करोड़ से अधिक के टर्नओवर के लिए यह नियम है। नियम उन कारोबारियों पर भी लागू होगा जिनका टर्नओवर फिलहाल 20 करोड़ नहीं है, लेकिन दो-तीन साल पहले के किसी वित्त वर्ष में 20 करोड़ रहा है।