INS Vela के सामने दुश्मन होंगे पस्त, समुद्र में उतरी स्कार्पियन क्लास की सबमरीन, भारतीय नौसेना को सौंपी
INS Vela आज भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो गई। इसके साथ ही भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा भी हो जाएगा। इस पनडुब्बी के साथ भारतीय नौसेना समुद्र में दुश्मन के हर कदम पर करीब से नजर रख सकेगी।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 25 Nov 2021 10:16 AM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय नौसेना के बेड़े में आज एक और अध्याय जुड़ गया। आज आईएनएस वेला सबमरीन भारतीय नौसेना में शामिल हो जा गई। भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह की मौजूदगी में इसको भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। इसके साथ ही भारतीय नौसेना की ताकत कहीं अधिक बढ़ जाएगी। इसके जरिए दुश्मन पर करीब से नजर रखी जा सकेगी। इसके अलावा इससे भारतीय नौसेना की मारक क्षमता में भी इजाफा हो जाएगा। आपको बता दें कि ये एक स्कार्पियन क्लास की सबमरीन है, जो प्रोजेक्ट 75 का हिस्सा है।भारतीय नौसेना ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है।
इससे पहले नेवी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि ये आत्मनिर्भर भारत के तहत बनाई गई है और ये एक टीम वर्क और तकनीक का परिणाम है। मझगांव डाक लिमिटेड में बनी ये चौथी पनडुब्बी है, जिसको 25 नवंबर 2021 को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा।
#Vela - A Testimony to #AatmaNirbharBharat, Cutting Edge Technology & Dedicated #Teamwork.
Fourth of the Project 75 Submarine built by #MazagonDockLimited is all set to be Commissioned into #IndianNavy on #25Nov 21.@DefenceMinIndia @SpokespersonMoD @PIB_India @PBNS_India pic.twitter.com/XGehqXG6yE
— SpokespersonNavy (@indiannavy) November 24, 2021
इस सबमरीन को आज मुंबई में भारतीय नौसेना के हवाले कर दिया गया। ये एक डीजल इलेक्ट्रिक स्कार्पियन सबमरीन है, जो प्रोजेक्ट 75 के तहत चौथी सबमरीन है। इससे पहले आईएनएस कलवेरी, आईएनएस करंज और आईएनएस खंडेरी को भारतीय नौसेना को सौंपा जा चुका है। भारतीय नौसेना के लिए सबमरीन बनाने के काम में फ्रांस की भी मदद ली जा ही है। दोनों के सहयोग से मझगांव डाक में करीब छह सबमरीन का निर्माण किया जा रहा है। बता दें कि इससे पहले आईएनएस वेला के नाम से ही एक सबमरीन को अगस्त 1973 में भारतीय नौसेना के हवाले किया गया था। 37 वर्षों की सेवा के इसको 25 जून 2010 को सेवामुक्त किया गया था। नई आईएनएस वेला के भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद ये कई तरह के आफेंसिव आपरेशन में इस्तेमाल की जा सकेगी। इसके शामिल होने के बाद नेवी वारफेयर में काफी कुछ बदलाव भी हो जाएगा।
इससे भारत की कांबेट आपरेशन की ताकत तो बढ़ेगी ही साथ ही भारत की सुरक्षा भी चाक-चौबंद हो सकेगी। इससे पहले रविवार को मुंबई में ही गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रायर विशाखापट्टनम को भारतीय नेवी को सौंपा गया था। ये एंटी सबमरीन राकेट से लैस है। इस डिस्ट्रायर का दुश्मन की सबमरीन कुछ नहीं बिगाड़ सकेगी।