देह व्यापार में धकेली जा रहीं महिलाओं पर NHRC हुआ सख्त, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किया नोटिस
आयोग ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण के लिए देश में कई कानूनों के बावजूद असामाजिक और आपराधिक तत्व समाज के कमजोर वर्गों विशेषकर महिलाओं को निशाना बनाने में कामयाब हो जाते हैं।दरअसल एक जुलाई को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार झारखंड के रांची में एक होटल में छापेमारी के दौरान कई महिलाओं को गिरफ्तार किया गया था।
पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने महिलाओं को देह व्यापार में धकेले जाने पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किए हैं। आयोग ने मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किए हैं जिनमें कहा गया है कि महिलाओं को आकर्षक नौकरी के अवसर देने के बहाने असामाजिक तत्वों द्वारा कथित तौर पर देह व्यापार के लिए मजबूर किया जा रहा है।
एनएचआरसी ने शुक्रवार को बयान में कहा कि इस तरह की रिपोर्ट सत्य है, तो यह महिलाओं के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और सम्मान से संबंधित गंभीर चिंता की बात है। एनएचआरसी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को नोटिस जारी कर महिलाओं को देह व्यापार में धकेलने वाले असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए उठाए गए और प्रस्तावित कदमों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
रांची के होटल में कई महिलाओं को गिरफ्तार किया गया
आयोग ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण के लिए देश में कई कानूनों के बावजूद, असामाजिक और आपराधिक तत्व समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर महिलाओं को निशाना बनाने में कामयाब हो जाते हैं। दरअसल एक जुलाई को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार झारखंड के रांची में एक होटल में छापेमारी के दौरान कई महिलाओं को गिरफ्तार किया गया था। इन महिलाओं का कहना है कि वे मजबूरी के कारण देह व्यापार में शामिल हो गईं।महिलाओं को उनके रिश्तेदारों ने इस जाल में धकेल दिया
इनमें से कई महिलाओं को उनके रिश्तेदारों ने इस जाल में धकेल दिया। कुछ को अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस घिनौने धंधे में उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा। एक बार चंगुल में फंसने के बाद वे बाहर नहीं आ सकीं। पीड़ित महिलाएं अलग-अलग जगहों की निवासी हैं, जिन्हें नौकरी के नाम पर फंसाया गया है। इससे देशभर में फैले अपराध सिंडिकेट का पता चलता है। ऐसे आपराधिक तत्वों के खिलाफ पूरे देश में कार्रवाई की आवश्यकता है।
खबरों का स्वत: संज्ञान लिया
एनएचआरसी ने एक अन्य बयान में कहा कि उसने मीडिया में आई उन खबरों का स्वत: संज्ञान लिया है जिनमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में एक आश्रम में 30 बच्चे कथित रूप से बीमार पड़ गए और पांच की मौत हो गई।आश्रम में रहने वाले ज्यादातर बच्चे अनाथ
हालांकि इन बच्चों की मौत का कारण रक्त संक्रमण और खाद्य विषाक्तता माना जाता है। इन बच्चों की उम्र पांच से 15 साल के बीच है। आश्रम में रहने वाले ज्यादातर बच्चे अनाथ हैं। एनएचआरसी ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें अस्पताल में भर्ती बच्चों की मौजूदा स्थिति की जानकारी भी होनी चाहिए।
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