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NIA कोर्ट ने आतंकी संगठन एचयूटी के सदस्य को सुनाई पांच साल की सजा, गृह मंत्रालय ने कर दिया था बैन

चेन्नई में एनआइए कोर्ट ने आतंकवादी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के एक सदस्य को प्रतिबंधित संगठन की विभाजनकारी और हिंसक विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए दोषी ठहराया और पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। एनआइए द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया कि अब्दुल्ला उर्फ श्रवण कुमार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 13 Nov 2024 07:30 AM (IST)
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NIA कोर्ट ने आतंकी संगठन एचयूटी के सदस्य को सुनाई पांच साल की सजा
 पीटीआई, नई दिल्ली। चेन्नई में एनआइए कोर्ट ने आतंकवादी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के एक सदस्य को प्रतिबंधित संगठन की विभाजनकारी और ¨हसक विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए दोषी ठहराया और पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

दूसरों को सलाह देने या उकसाने का दोषी पाया

एनआइए द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया कि अब्दुल्ला उर्फ श्रवण कुमार पर आइपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों के लिए 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बयान में कहा गया है कि सोमवार को सुनाए गए फैसले में कोर्ट ने अब्दुल्ला को गैरकानूनी गतिविधि के लिए दूसरों को सलाह देने या उकसाने का दोषी पाया।

एनआइए की जांच से पता चला कि आरोपित ने एचयूटी के लिए भी सहयोग मांगा था, जिसका उद्देश्य भारत जैसे देशों में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को अस्थिर करना है। बयान में कहा गया कि इस एजेंडे के तहत आरोपित ने 2021 में दो मौकों पर अपने फेसबुक अकाउंट 'अब्दुल्ला इब्न सुब्रमण्यम' पर पोस्ट अपलोड किए थे, जिसका स्पष्ट उद्देश्य भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को प्रभावित करना था।

मोदी सरकार ने कट्टरपंथी समूह 'हिज्ब-उत-तहरीर' पर लगा दिया था बैन

यरुशलम में वर्ष 1953 में स्थापित वैश्विक इस्लामिक समूह हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) को सरकार ने गुरुवार को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था, क्योंकि इसका उद्देश्य जिहाद और आतंकी गतिविधियों के जरिये विश्वभर में इस्लामिक राज्य और खिलाफत स्थापित करना है।

भोले-भाले युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहा था

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा था कि एचयूटी भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, उन्हें आईएस जैसे आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने और आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में शामिल है। एचयूटी विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों व सिक्योर एप्स का इस्तेमाल करके आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और दावाह (आमंत्रण) बैठकें आयोजित करके भोले-भाले युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

गृह मंत्रालय ने कहा था कि एचयूटी ऐसा संगठन है, जिसका उद्देश्य भारत समेत विश्वभर में देश के नागरिकों को शामिल करके जिहाद व आतंकी गतिविधियों के जरिये लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारों को अपदस्थ करके इस्लामिक राज्य और खिलाफत की स्थापना करना है। लिहाजा यह संगठन देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।