NIA ने मेडिकल टूरिज्म की आड़ में चल रहे धंधे पर कसी लगाम, अंग व्यापार रैकेट में शामिल चार लोगों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट
एनआइए ने केरल के नेदुंबसेरी में मेडिकल पर्यटन की आड़ में अंतरराष्ट्रीय अंग व्यापार रैकेट में शामिल चार आरोपितों के विरुद्ध आरोप-पत्र दाखिल किया है। एनआइए की जांच के अनुसार आरोपित भारत में अंगदाताओं की पहचान करते थे। एजेंट और इंटरनेट मीडिया के माध्यम से उन्हें पैसे का लालच देकर उनका शोषण करते थे। तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है एक फरार है।
पीटीआई, नई दिल्ली। एनआइए ने केरल के नेदुंबसेरी में मेडिकल पर्यटन की आड़ में अंतरराष्ट्रीय अंग व्यापार रैकेट में शामिल चार आरोपितों के विरुद्ध आरोप-पत्र दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि आरोपित युवाओं को पैसे के बदले अंग दान के लिए प्रेरित करते थे। वे एक बड़े अंग व्यापार रैकेट के तहत विदेश में अंगों की तस्करी करते थे।
एनआइए की जांच के अनुसार, आरोपित भारत में अंगदाताओं की पहचान करते थे। एजेंट और इंटरनेट मीडिया के माध्यम से उन्हें पैसे का लालच देकर उनका शोषण करते थे।
ईरान में अंग व्यापार कानूनी है?
एनआइए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि गिरोह ने जरूरत वाले भारतीय मरीजों से भी संपर्क किया और ईरान में उनके अंग प्रत्यारोपण की सुविधा के लिए उनसे लगभग 50 लाख रुपये वसूले। गिरोह ने दानकर्ताओं और प्राप्तकर्ताओं को यह विश्वास दिलाया कि ईरान में अंग व्यापार कानूनी है।
आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है
आरोपितों ने अवैध अंग व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सरकारी कार्यालयों और अधिकारियों की मुहरों एवं हस्ताक्षरों सहित जाली दस्तावेज तैयार किए थे। तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनकी पहचान सबित कोरुकुलथ नासर, सजित श्याम, बेलमकोंडा राम प्रसाद के रूप में हुई है, जबकि चौथा मधु जयकुमार फरार है।