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'निर्भया' मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस भानुमति ने दिखाया आईना

जस्टिस भानुमति ने साल 2015 के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े अपने फैसले में सामने रखे हैं।

By Digpal SinghEdited By: Updated: Fri, 05 May 2017 06:12 PM (IST)
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'निर्भया' मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस भानुमति ने दिखाया आईना

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। 16 दिसंबर 2012 एक ऐसी तारीख है, जिसे शायद ही कोई भूल पाए। एक युवती के साथ जिस तरह की बरर्बता की गई थी और उसके बाद जिस तरह का आक्रोश देश में पैदा हुआ था उसके बाद बलात्कार के मामलों में गिरावट आनी चाहिए थी। यही नहीं 'निर्भया' को लेकर कानून भी बना। लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराधों में किसी तरह की कोई कमी नहीं आयी।

इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस भानुमति ने देश को एक ऐसा आईना दिखाया है, जिसे शायद देश देखना नहीं चाहता। उन्होंने कहा, पिछले कुछ दशकों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर रोकथाम के लिए तमाम तरह के कानूनों में सुधार हुआ है। यही नहीं महिलाओं की सुरक्षा के लिए लोग भी सजग हुए हैं। लेकिन अपराध हैं कि लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

जस्टिस भानुमति ने साल 2015 के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े अपने फैसले में सामने रखे हैं। उन्होंने बता, 'साल 2015 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3 लाख 27 हजार 394 मामले दर्ज किए गए। 2011 के आंकड़ों के मुकाबले इसमें 43 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई। साल 2011 में यह आंकड़ा 2 लाख, 28 हजार 650 था। 2005-2015 के बीच महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में 110.5 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। इस तरह से एक दशक में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध दोगुने हो गए।'

महिलाओं के खिलाफ अपराध की राजधानी बनी दिल्ली

जस्टिस भानुमति ने दिल्ली की तस्वीर आंकड़ों के जरिए सामने रखी और बताया कि अकेले 2015 में कुल अपराध में महिलाओं के खिलाफ अपराध का आंकड़ा 53.9 फीसद था। पूरे देश की बात की जाए तो नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार साल 2015 में आईसीपी की धारा 376 के तहत बलात्कार के कुल 34,651 मामले दर्ज किए गए। इनमें पोक्सो के तहत दर्ज मामले शामिल नहीं हैं।

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जस्टिस भानुमति ने अपने निर्णय में विस्तार से बताया है कि साल 2011 से 2014 के बीच बलात्कार के मामले लगातार बढ़ते हुए पाए गए हैं। 2010 के मुकाबले 2011 में ऐसे मामलों में 9.2 फीसद की बढ़ोतरी हुई, जबकि 2011 के मुकाबले 2012 में 3 फीसद बलात्कार के मामले बढ़े। साल 2013 में तो पिछले साल के मुकाबले रेप के मामलों में 35.2 फीसद की बढ़ोतरी हुई। बता दें कि साल 2012 के अंत में निर्भया गैंगरेप का मामला सामने आया था और इसके बाद पूरा देश आंदोलित हो गया था। लेकिन इसके बावजूद 2013 में बलात्कार के मामलों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। साल 2014 में पिछले साल के मुकाबले 9 फीसद, 2015 में 5.7 फीसद बलात्कार के मामले बढ़े और यह आंकड़ा 34,651 तक पहुंच गया।

बलात्कार के मामलों में मध्य प्रदेश अव्वल

देशभर में साल 2015 में कुल बलात्कार के मामलों में से 12.7 फीसद अकेले मध्य प्रदेश के थे। यहां 4391 बलात्कार के मामले दर्ज हुए। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 4144, तीसरे नंबर पर राजस्थान 3644, चौथे नंबर पर उत्तर प्रदेश में 3025 और पांचवे नंबर पर ओडीशा में 2251 मामले दर्ज हुए।


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