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White Paper: 'UPA के शासन में रुपये में भारी गिरावट, संकट में अर्थव्यवस्था', सरकार ने लोकसभा में श्वेत पत्र किया पेश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र पेश किया। वित्त मंत्री अपने अंतरिम बजट भाषण में घोषणा की थी कि सरकार 2014 तक यूपीए शासन के 10 वर्षों में आर्थिक कुप्रबंधन को रेखांकित करते हुए अर्थव्यवस्था पर एक श्वेत पत्र लाएगी। उन्होंने कहा कि अब यह देखना होगा है कि हम 2014 तक कहां थे और अब कहां हैं।

By Agency Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Thu, 08 Feb 2024 06:09 PM (IST)
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 'भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र' पेश किया। (फोटो- एएनआई)

पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में 'भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र' पेश किया। वित्त मंत्री अपने अंतरिम बजट भाषण में घोषणा की थी कि सरकार 2014 तक यूपीए शासन के 10 वर्षों में आर्थिक कुप्रबंधन को रेखांकित करते हुए अर्थव्यवस्था पर एक श्वेत पत्र लाएगी।

यूपीए सरकार की आर्थिक नीति पर श्वेत पत्र पेश

लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश 'भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र' में कहा गया कि यूपीए सरकार को अधिक सुधारों के लिए तैयार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था विरासत में मिली, लेकिन अपने 10 वर्षों में इसे निष्क्रिय बना दिया गया। 2004 में जब यूपीए सरकार का कार्यकाल शुरू हुआ था, तो भारतीय अर्थव्यवस्था आठ प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रही थी।

श्वेत पत्र में यूपीए सरकार की गिनाई गई खामियां

श्वेत पत्र में कहा गया कि यूपीए के शासनकाल में निवेशक विदेश चले गए। साथ ही उस दौरान बैंकिंग सेक्टर घाटे में चल रहा था। राजकोषीय घाटे से अर्थव्यवस्था संकट में था। श्वेत पत्र में कहा गया कि यूपीए सरकार के शासन में आम जनता महंगाई से त्रस्त थी। यूपीए कार्यकाल ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया। 

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निर्मला सीतारमण द्वारा पेश श्वेत पत्र की बड़ी बातेंः

  • अंतरिम बजट का मुख्य आकर्षण पूंजीगत व्यय और आर्थिक विकास की निरंतर गति पर दिया गया जोर है।
  • हम (एनडीए सरकार) यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी परियोजना को नुकसान पहुंचाए बिना राजकोषीय घाटे का प्रबंधन किया जाए।
  • सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए पूंजीगत व्यय वास्तविक जीडीपी वृद्धि की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है।
  • एनडीए कार्यकाल में किसी भी प्रमुख फ्लैगशिप कार्यक्रम में कटौती नहीं की गई है, न ही आवंटन कम किया है।
  • यूपीए शासन में कई घोटाले हुए जिनसे सरकारी खजाने पर भारी असर पड़ा और राजकोषीय एवं राजस्व घाटा हुआ।
  • 2014 में एनडीए सरकार को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त अर्थव्यवस्था विरासत में मिली, जिसकी नींव आत्मनिर्भर भारत बनाने से रखी गई।
  • यूपीए शासन में बैंकिंग सेक्टर संकट में था, जो एनडीए सरकार को विरासत में मिली थी।
  • यूपीए सरकार आर्थिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने में बुरी तरह विफल रही।
  • यूपीए शासन में ऐसी बाधाए उत्पन्न हुईं, जिन्होंने अर्थव्यवस्था को पीछे धकेल दिया।
  • एनडीए सरकार के आर्थिक प्रबंधन और शासन ने हर चुनौती पर काबू पा लिया है।
  • मोदी सरकार के आर्थिक प्रबंधन ने भारत को निरंतर उच्च विकास के दृढ़ पथ पर रखा है।
  • एनडीए सरकार ने अपने पूर्ववर्ती यूपीए के विपरीत आर्थिक भलाई के लिए कड़े फैसले लिए।
  • एनडीए सरकार ने साहसिक सुधार किए और एक मजबूत अधिरचना का निर्माण किया।
  • पिछले 10 वर्षों में एनडीए सरकार ने पिछली यूपीए सरकार द्वारा छोड़ी गई चुनौतियों पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया।

यूपीए सरकार का दशक खराब थाः श्वेत पत्र

लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए श्वेत पत्र में कहा गया कि यूपीए सरकार का कार्यकाल एक खराब दशक साबित हुआ, क्योंकि वह मजबूत मूलभूत अर्थव्यवस्था और वाजपेयी सरकार द्वारा छोड़ी गई सुधारों की गति को भुनाने में विफल रही।

निर्मला सीतारमण ने कहा, एनडीए सरकार ने उन वर्षों के संकट को पार कर लिया है और अर्थव्यवस्था को सर्वांगीण विकास के साथ उच्च सतत विकास पथ पर मजबूती से रखा गया है। उन्होंने कहा कि अब यह देखना होगा है कि हम 2014 तक कहां थे और अब कहां हैं।