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Nithari Case: निठारी कांड मामले की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को CBI ने दी है चुनौती

Nithari Kand नोएडा के चर्चित निठारी हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका मंजूर करते हुए सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सीबीआई ने आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को SC में चुनौती दी है। गौरतलब है कि 2006 में आठ बच्चों के कंकाल मिलने से इस सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश हुआ था।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 14 Aug 2024 08:29 PM (IST)
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सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद HC के फैसले को दी है चुनौती।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सीबीआई की ओर से दाखिल उस नई याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया, जिसमें 2006 के नोएडा के सनसनीखेज निठारी हत्याकांड में आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है।

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सीबीआई की अर्जी को हाईकोर्ट के 16 अक्टूबर, 2023 के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में विचाराधीन अन्य याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध कर दिया। शीर्ष कोर्ट ने 19 जुलाई को हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर सीबीआई और उत्तर प्रदेश सरकार की अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी।

कोर्ट ने मांगा था आरोपी से जवाब

कोर्ट ने इन याचिकाओं पर कोली को नोटिस जारी कर उसका जवाब भी मांगा था। मई में शीर्ष कोर्ट ने एक पीड़ित के पिता की उस याचिका पर सुनवाई करने की सहमति जताई थी, जिसमें निठारी कांड से जुड़े एक मामले में कोली को बरी करने के हाईकोर्ट के निर्णय को चुनौती दी गई थी। इस मामले में सत्र अदालत ने 28 सितंबर 2010 को सुनाए गए फैसले में मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी कर दिया था, जबकि उसके नौकर कोली को मौत की सजा दी थी।

सत्र अदालत ने कहा था कि अभियोजन पक्ष अपराध साबित करने में नाकाम रहा और जांच सही तरीके से नहीं हुई। कोली को 12 मामलों और पंढेर को दो मामलों में सुनाई गई मौत की सजा को पलटते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि अभियोजन पक्ष परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर मामले के तय मानदंडों पर दोनों आरोपियों का अपराध साबित करने में नाकाम रहा और जांच जिम्मेदार एजेंसियों द्वारा जनता के भरोसे के साथ विश्वासघात से कम नहीं थी।

सीबीआई अदालत ने सुनाई थी मौत की सजा

पंढेर और कोली को हत्या एवं बलात्कार का दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई थी। हाईकोर्ट ने कोली और पंढेर की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई की सहमति जताई थी, जिसमें उन्होंने गाजियाबाद में विशेष सीबीआई अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा को चुनौती दी थी। बता दें कि पंढेर और कोली के खिलाफ 2007 में कुल 19 मामले दर्ज किए गए थे।

बच्चों के कंकाल मिलने से हुआ था पर्दाफाश

सुबूतों की कमी के कारण सीबीआई ने तीन मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी। बाकी 16 मामलों में से कोली को शुरू में तीन में बरी कर दिया गया था और एक में उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया था। नोएडा के निठारी इलाके में पंढेर के घर के पीछे एक नाले से 29 दिसंबर, 2006 को आठ बच्चों के कंकाल मिलने से इस सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश हुआ था। घर के आसपास के क्षेत्र में खुदाई और नालों में तलाश के दौरान कई और कंकाल बरामद हुए थे।