ममता बनर्जी को बोलने के लिए कितना समय मिला था? बंगाल की सीएम के दावे पर आया नीति आयोग का जवाब
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोप पर नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने सफाई दी है। उन्होंने गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ममता बनर्जी बैठक में मौजूद थीं। उन्होंने लंच से पहले समय दिए जाने का अनुरोध किया। इस दौरान उन्होंने (ममता) अपना बयान दिया। बैठक में सभी को 7 मिनट का समय दिया गया था।
हमने ममता की बातों को सुना और नोट किया
नीति आयोग के सीईओ ने कहा, "...हमारे पास 10 अनुपस्थित और 26 प्रतिभागी थे। हमारे पास केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पुडुचेरी से अनुपस्थित लोग थे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री मौजूद थीं।"#WATCH | NITI Aayog CEO BVR Subrahmanyam says, "We had a lot of last-minute dropouts, I have speeches of some states who had not participated- Jharkhand and Puducherry. Not all have dropped out for boycott reasons. For those who did not participate, I always say that it is their… pic.twitter.com/gihaga4fdy
— ANI (@ANI) July 27, 2024
'लंच से पहले ममता ने अपनी बारी का अनुरोध किया'
नीति आयोग की बैठक के बीच से क्यों निकलीं ममता?
बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा, "मैंने कहा कि आपको (केंद्र सरकार) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। मैं बोलना चाहती थी, लेकिन मुझे केवल 5 मिनट के लिए बोलने की अनुमति दी गई। मुझसे पहले के लोगों ने 10-20 मिनट तक बात की। विपक्ष से मैं अकेली थी जो इस बैठक में भाग ले रही थी, लेकिन फिर भी मुझे बोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह अपमानजनक है।" वहीं, सरकार की तरफ से कहा गया है कि ममता बनर्जी का माइक बंद नहीं किया गया था, बल्कि उनके बोलने का वक्त खत्म हो गया था।#WATCH | On NITI Aayog meeting in Delhi, West Bengal CM Mamata Banerjee says, "...I said you (central government) should not discriminate against state governments. I wanted to speak but I was allowed to speak only for 5 minutes. People before me spoke for 10-20 minutes. I was… pic.twitter.com/nOgNQ9jnRd
— ANI (@ANI) July 27, 2024