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PM Modi Cabinet 2024: 'हाईवे मैन ऑफ इंडिया' नितिन गडकरी का कैसा रहा राजनीतिक सफर? 1975 का आपातकाल है मुख्य कारण

भारतीय जनता पार्टी के नेता और नागपुर से सांसद नितिन गडकरी ने रविवार को राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। मतगणना में उन्हें 6 55027 वोट मिले जबकि कांग्रेस के विकास ठाकरे को 517424 वोट ही हासिल हुए थे। हालांकि इस चुनाव में गडकरी की जीत का अंतर 78397 कम हुआ है। 2019 में उन्होंने कांग्रेस के नाना पटोले को 216000 वोटों से हराया था।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sun, 09 Jun 2024 08:57 PM (IST)
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'हाईवे मैन ऑफ इंडिया' नितिन गडकरी (Image: ANI)
एएनआई, नई दिल्ली। PM Modi Cabinet 2024: भारतीय जनता पार्टी के नेता और नागपुर से सांसद नितिन गडकरी ने रविवार को राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। गडकरी ने नागपुर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी को 1,37,603 मतों के अंतर से हराया था। 

मतगणना में उन्हें 6,55,027 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के विकास ठाकरे को 5,17,424 वोट ही हासिल हुए थे। हालांकि, इस चुनाव में गडकरी की जीत का अंतर 78,397 कम हुआ है। 2019 में उन्होंने कांग्रेस के नाना पटोले को 2,16,000 वोटों से हराया था। बीजेपी नेता ने पहली बार 2014 में नागपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और उन्होंने 2,84,828 वोटों से जीत हासिल की थी।

नागपुर में जन्में और आपातकाल ने बदली जिदंगी

नितिन गडकरी का जन्म 27 मई, 1957 को नागपुर में एक महाराष्ट्रीयन परिवार में हुआ था। 1975 में आपातकाल लागू होने से धोखा खाए लोगों का गुस्सा और बढ़ गया था। उस समय सरकार द्वारा की गई ज्यादतियों ने गडकरी को उनके आरामदायक दायरे से बाहर निकाला। एक छात्र के रूप में उन्होंने आपातकाल के खिलाफ आक्रामक रूप से अभियान चलाया। 

RSS और ABVP से करीबी से जुड़े

गडकरी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ बहुत करीब से जुड़े और बड़े पैमाने पर सामाजिक कार्य में शामिल हुए। वह विशेष रूप से आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार के मानवता और राष्ट्र निर्माण के आदर्शों से प्रेरित थे। गडकरी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र नेता के रूप में राजनीति में प्रवेश किया और बाद में भाजपा की युवा शाखा जनता युवा मोर्चा में शामिल हो गए।

ऐसा रहा राजनीतिक सफर

भाजपा नेता 1989 से महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य हैं। वे 1999-2005 तक महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी रहे। उन्होंने 2009 तक महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा का नेतृत्व किया, जब वे राज्य अध्यक्ष बने, जिसके बाद उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर पदोन्नत किया गया और वे सबसे कम उम्र के पार्टी अध्यक्ष बने। भाजपा नेता 1995 से 1999 के बीच महाराष्ट्र में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे, जब उन्हें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को शुरू करने का पहला अनुभव प्राप्त हुआ।

ऐसे बरकरार रखा अपना ये पद

दिसंबर 2009 में गडकरी को भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। यह भाजपा के लिए एक कठिन दौर माना जा रहा था क्योंकि पार्टी लगातार दो लोकसभा चुनाव हार चुकी थी और उसे जल्दी से जल्दी बदलाव की जरूरत थी। जनवरी 2013 में गडकरी ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और मई 2014 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री तथा जहाजरानी मंत्री बने। 2019 में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान, गडकरी ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को बरकरार रखा।

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