नीतीश के पाला बदलने से बदलेगा संसद का भी गणित, अब बजट सत्र में केंद्र सरकार के साथ खड़ा दिखेगा जेडीयू
विपक्षी गठबंधन से अलग होकर नीतीश कुमार के एनडीए के साथ खड़े होने का असर न सिर्फ बिहार की राजनीति में दिखेगा बल्कि राष्ट्रीय राजनीति और संसद के भीतर भी दिखाई देगा। इससे संसद का गणित बदलेगा। काम-काज के लिहाज से वैसे तो केंद्र सरकार का कार्यकाल अब कम दिनों का हैलेकिन 31 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र में अब जेडीयू भी उसके साथ खड़ा दिखेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन से अलग होकर नीतीश कुमार के एनडीए के साथ खड़े होने का असर न सिर्फ बिहार की राजनीति में दिखेगा बल्कि राष्ट्रीय राजनीति और संसद के भीतर भी दिखाई देगा। इससे संसद का गणित बदलेगा। काम-काज के लिहाज से वैसे तो केंद्र सरकार का कार्यकाल अब कम दिनों का है, लेकिन 31 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र में अब जेडीयू भी उसके साथ खड़ा दिखेगा।
अभी तक उसके सभी सांसद विपक्ष गठबंधन के साथ खड़े दिखते है। इससे सरकार को एक नई ताकत जरूर मिलेगी। संसद के दोनों सदनों की बात करें तो लोकसभा में जेडीयू के 16 सांसद है, जबकि राज्यसभा में उसके पांच सांसद है।
राज्यसभा में भाजपा के पास अभी 93 सीटें
यह बात अलग है कि लोकसभा में सरकार के पास पहले से पर्याप्त बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में उसके पास अभी बहुमत नहीं है। ऐसे में उसे जेडीयू के समर्थन की जरूरत रहेगी। राज्यसभा में भाजपा के पास अभी 93 सीटें है, जबकि एनडीए के दलों को मिलाकर उसके पास करीब 108 सीटें है।हालांकि समान विचार धारा वाले दलों के चलते अब तक सरकार का कोई भी काम राज्यसभा में रुका नहीं। गौरतलब है कि राज्यसभा में बहुमत के लिए सरकार को 123 सीटों की जरूरत होती है।
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