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बाइडन के बुढ़ापे पर टिप्पणी कर घिरे राहुल, सार्वजनिक माफी की मांग; NMO भारत ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी

Rahul Gandhi on Joe Biden कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन पर अपनी टिप्पणी को लेकर घिरते नजर आ रहे हैं। मेडिकल प्रैक्टिशनर्स के एक संगठन ने उनसे माफी की मांग की है। राहुल ने अपनी टिप्पणी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की याद्दाश्त की तुलना अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से की थी।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Thu, 21 Nov 2024 10:19 PM (IST)
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राहुल गांधी ने जो बाइडन के याद्दाश्त पर की थी टिप्पणी। (File Image)
पीटीआई, नई दिल्ली। मेडिकल प्रैक्टिशनर्स के एक संगठन ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है। वे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की संज्ञानात्मक क्षमताओं (कॉगनेटिव एबिल्टीज) पर उनकी कथित टिप्पणियों से चिंतित हैं, जो कि उनके मुताबिक काफी असंवेदनशील है।

54 वर्षीय कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने यह टिप्पणियां 16 नवंबर को महाराष्ट्र के अमरावती में एक रैली के दौरान की थीं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की याद्दाश्त की तुलना अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से की थी। नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन (एनएमओ-भारत) के अखिल भारतीय अध्यक्ष सीबी त्रिपाठी ने राहुल गांधी की मां और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में राहुल गांधी से अपनी टिप्पणियों पर विचार करने और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का आग्रह किया।

टिप्पणी को वरिष्ठ नागरिकों के लिए बताया अपमानजनक 

उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियों से उम्र बढ़ने और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य के बारे में हानिकारक रुढ़िवादिता को बढ़ावा मिल सकता है। यह टिप्पणी न केवल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए, बल्कि भारत में कई वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी अपमानजनक थी, जो स्वास्थ्य चुनौतियों के बावजूद महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इस तरह की टिप्पणियां भारतीय मूल्यों के विपरीत हैं, जो बुजुर्गों के सम्मान देने पर जोर देता है।

उनका कहना है कि ये टिप्पणियां विपक्ष के नेता की समझ और संवेदनशीलता की कमी को दर्शाती हैं। त्रिपाठी ने सोनिया गांधी को स्वास्थ्य संबंधी अफवाहों और गलत सूचनाओं के साथ अपने खुद के अनुभवों की याद दिलाई। उन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें समझना चाहिए कि ऐसी बातें लोगों और समाज के लिए कितनी हानिकारक हो सकती हैं।