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Rajasthan Polls: गुजरात में राज्यपाल रहे दो नेताओं के परिवार को कांग्रेस का टिकट नहीं, ये रही वजह

कांग्रेस-भाजपा के इन दावों के बीच टिकट वितरण में गुजरात में राज्यपाल रहे पंडित नवल किशोर शर्मा एवं डॉ कमला बेनीवाल के पुत्र का टिकट काट दिया। सभी 199 सीट पर कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए लेकिन पूर्व राज्यपाल पंडित नवल किशोर शर्मा के पुत्र पूर्व मंत्री बृज किशोर शर्मा को टिकट नहीं मिला। वे हवा महल के कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन के दौरान उनके साथ मौजूद रहे।

By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Tue, 07 Nov 2023 04:00 AM (IST)
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गुजरात में राज्यपाल रहे दो नेताओं के परिवार को कांग्रेस का टिकट नहीं
 शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। गुजरात में राज्यपाल रहे राजस्थान के दो दिग्गज नेताओं के पुत्रों को कांग्रेस ने टिकट से किनारे कर दिया। पूर्व राज्यपाल के एक पुत्र पूर्व मंत्री हैं तो एक पुत्र वर्तमान में विधायक, इसके बावजूद उनका टिकट कट गया। लोकसभा चुनाव से पहले देश के पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में सबसे अधिक चर्चा राजस्थान विधानसभा चुनाव की हो रही है और उसे पर देश के लोगों की भी नजर है।

दरअसल राजस्थान में हर 5 साल बाद सरकार बदलने का रिवाज है लेकिन वर्तमान कांग्रेस सरकार का दावा है कि उसकी गारंटी से लोग प्रभावित हुए हैं, लाभान्वित हुए हैं इसलिए इस बार सरकार रिपीट होगी। उधर भाजपा का दावा है कि कांग्रेस सरकार से जनता त्रस्त है और वह राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को सबक सिखाना चाहती है।

पूर्व मंत्री बृज किशोर शर्मा को टिकट नहीं मिला

कांग्रेस-भाजपा के इन दावों के बीच टिकट वितरण में गुजरात में राज्यपाल रहे पंडित नवल किशोर शर्मा एवं डॉ कमला बेनीवाल के पुत्र का टिकट काट दिया। सभी 199 सीट पर कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए लेकिन पूर्व राज्यपाल पंडित नवल किशोर शर्मा के पुत्र पूर्व मंत्री बृज किशोर शर्मा को टिकट नहीं मिला। वे हवा महल के कांग्रेस प्रत्याशी आर आर तिवारी के नामांकन के दौरान उनके साथ मौजूद रहे।

उधर शाहपुरा विधानसभा से गत चुनाव मे निर्दलीय विधायक चुने गए आलोक बेनीवाल का भी टिकट कट गया। यह समाचार सुनकर उनकी मां एवं पूर्व राज्यपाल डॉ कमला अचानक बीमार भी हो गई थीl गुजरात में 2004 से 2009 तक नवल किशोर शर्मा राज्यपाल रहे जबकि 2009 से 2014 तक डॉ कमला राज्यपाल रही थी।

मनीष यादव को टिकट दिया गया

पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी आलोक बेनीवाल को टिकट नहीं मिला था तो वह निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत गए थे। गहलोत सरकार पर आए संकट के दौरान हुए सरकार के साथ रहे लेकिन इसके बावजूद उनका टिकट कट गया उनकी जगह मनीष यादव को टिकट दिया गया है।

राजस्‍थान कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता एवं पूर्व विधायक सुरेंद्र व्‍यास ने कहा है कि डॉ कमला बेनीवाल ने राज्‍यपाल रहते तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नीतिगत संघर्ष करती रहीं कांग्रेस को उनके परिवार का टिकट नहीं काटना चाहिए था।

कांग्रेस में सब दल के बजाए नेताओं को महत्‍व दिया जाने लगा है

व्‍यास का मानना है कि पं नवलकिशोर शर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान गुजरात सरकार व मोदी के प्रति काफी लचीला रुख अपनाया। पूर्व राज्‍यपालों के परिवार से योग्‍य उम्‍मीदवार हों तो टिकट देना चाहिए था। उधर गांधीवादी नेता रामरतन शर्मा कहते हैं कि वर्तमान कांग्रेस में सब दल के बजाए नेताओं को महत्‍व दिया जाने लगा है इसलिए हर नेता अपने अपने करीबी को टिकट दिलाकर अपना पक्ष मजबूत करने की होड़ में लगा है, संगठन की विचारधारा अब धीरे धीरे गौण होते जा रही है।