मणिपुर में चार से अधिक बच्चों वाले परिवारों को कोई सरकारी लाभ नहीं, कैबिनेट की बैठक में किया गया फैसला
मणिपुर सरकार ने सरकारी नौकरी या विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए एक परिवार में बच्चों की संख्या चार तक सीमित कर दी है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की जिसमें जनसंख्या आयोग की स्थापना को स्वीकृति दी गई।
By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Sat, 15 Oct 2022 05:33 AM (IST)
इंफाल, एजेंसी। मणिपुर सरकार ने सरकारी नौकरी या विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए एक परिवार में बच्चों की संख्या चार तक सीमित कर दी है। सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री एस. रंजन ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया है कि चार से अधिक बच्चों वाले किसी व्यक्ति या परिवार को नौकरियों और विभिन्न सरकारी योजनाओं से बाहर रखा जाएगा।
परिवार में बच्चों की संख्या चार सीमित
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की, जिसने इस संबंध में निर्णय लिया और राज्य जनसंख्या आयोग की स्थापना को स्वीकृति दी। रंजन ने कहा कि राज्य विधानसभा ने पहले मणिपुर में जनसंख्या आयोग की स्थापना के लिए एक निजी सदस्य प्रस्ताव को अपनाया था। भाजपा विधायक, खुमुक्चम जोयकिसन ने राज्य में बाहरी लोगों की कथित घुसपैठ पर प्रस्ताव पेश किया था।
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जनसंख्या का पैटर्न बदलने की बात
प्रस्ताव में जोयकिसन ने राज्य में जनसंख्या का पैटर्न बदलने की बात कही थी। आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने सदन को बताया था कि मणिपुर के पहाड़ी जिलों में 1971-2001 के दौरान 153.3 प्रतिशत की जनसंख्या वृद्धि थी। 2001-2011 के दौरान यह 250 प्रतिशत हो गई। नागा, कुकी और जोमी और अन्य आदिवासी ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं। असम सरकार ने भी करीब एक साल पहले एक आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि दो से अधिक बच्चों वाले किसी भी व्यक्ति को सरकारी नौकरियों अथवा सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा।
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