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Canada से दाल के आयात पर रोक की कोई मंशा नहीं, व्यापारियों ने कहा- सप्लाई में फिलहाल कोई दिक्कत नहीं

भारत-कनाडा के बीच चल रहे कूटनीतिक तनाव का असर दाल के आयात पर नहीं पड़ने जा रहा है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक कनाडा से दाल के आयात रोकने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। दाल आयातकों का कहना है कि फिलहाल कनाडा से दाल मंगाने में भी कोई दिक्कत नहीं आ रही है। व्यापारी आसानी से भारत दाल भेजने का आर्डर भी ले रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 24 Sep 2023 07:11 PM (IST)
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भारत मसूर दाल का सबसे अधिक आयात कनाडा से करता है (फाइल फोटो)
राजीव कुमार, नई दिल्ली। भारत-कनाडा के बीच चल रहे कूटनीतिक तनाव का असर दाल के आयात पर नहीं पड़ने जा रहा है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, कनाडा से दाल के आयात रोकने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। ऑल इंडिया दाल मिलर्स एसोसिएशन ने भी सरकार से इस प्रकार का कोई फैसला नहीं करने की गुजारिश की है।

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दाल आयातकों का कहना है कि फिलहाल कनाडा से दाल मंगाने में भी कोई दिक्कत नहीं आ रही है। कनाडा के व्यापारी आसानी से भारत दाल भेजने का आर्डर भी ले रहे हैं। भारत में सालना लगभग 23 लाख टन मसूर दाल की खपत है। घरेलू स्तर पर सालना लगभग 15-16 लाख टन मसूर दाल का उत्पादन होता है और बाकी का आयात किया जाता है।

कितनी आयात हुई दाल?

आयात के लिए भारत मुख्य रूप से कनाडा पर निर्भर करता है। दूसरा नंबर आस्ट्रेलिया का आता है। इस साल अप्रैल-जून में भारत कनाडा से लगभग एक लाख टन दाल का आयत कर चुका है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने कनाडा से 37 करोड़ डॉलर मूल्य के 4.85 लाख टन मसूर दाल का आयात किया था। ऑल इंडिया दाल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल कहते हैं,

इस साल तुअर व उड़द के उत्पादन में कमी की आशंका है और कनाडा से मसूर दाल के आयात पर प्रतिबंध से सभी प्रकार की दालों की कीमतें और बढ़ सकती हैं। इसलिए हमने सरकार से कनाडा से दाल के आयात पर रोक नहीं लगाने की मांग की है। कनाडा में जून-जुलाई में मसूर दाल की फसल तैयार होती है और अगस्त से मसूर दाल का आयात तेज हो जाता है।

सस्केचवान राज्य में होती है सबसे ज्यादा दाल

जानकारों के मुताबिक, कनाडा में 95 प्रतिशत दाल की फसल वहां के सस्केचवान राज्य में होती है और इस राज्य के दाल व्यापारी सबसे अधिक बिक्री भारतीय बाजार में करते हैं। भारत के साथ तनाव को देखते हुए सस्केचवान राज्य के व्यापारी भी जल्द से जल्द भारत में अपनी दाल की सप्लाई कर देना चाहते हैं। कनाडा से दाल आने में लगभग 40 दिन लगते हैं।

दूसरी तरफ भारत ने मसूर दाल आयात के लिए कनाडा के विकल्प की तलाश शुरू कर दी है। यही वजह है कि अमेरिका से दाल आयात पर 30 प्रतिशत का शुल्क था जिसे पिछले सप्ताह घटाकर शून्य कर दिया गया है। इस फैसले से अमेरिका से भी मसूर दाल के आयात का रास्ता खुलेगा।

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तलाशी जा रही संभावनाएं

इसके अलावा रूस, सिंगापुर और तुर्किये जैसे देशों से भी मसूर दाल के आयात की संभावनाएं तलाशी जा रही है। दाल के थोक व्यापारियों के मुताबिक, पिछले 10 दिनों में मसूर दाल के थोक भाव में प्रति क्विंटल 200-300 रुपए का इजाफा हुआ है। थोक बाजार में मसूर दाल की कीमत 7500-8000 रुपए प्रति क्विंटल चल रही है।