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आतंकवाद और इसके लिए फंडिंग विश्व शांति के लिए गंभीर खतरा, आतंक को लेकर जीरो टालरेंस अप्रोच पर सभी प्रतिबद्ध

आतंकवाद की फंडिंग के खिलाफ दो दिवसीय सम्मेलन में शनिवार को सभी प्रतिभागी देश इस बात पर एकमत थे कि आतंकवाद और इसके लिए फंडिंग हर तरह से वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।

By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Sat, 19 Nov 2022 11:46 PM (IST)
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सम्मेलन में 93 देशों और बहुपक्षीय संगठनों ने भाग लिया
नई दिल्ली, प्रेट्र: आतंकवाद की फंडिंग के खिलाफ दो दिवसीय सम्मेलन में शनिवार को सभी प्रतिभागी देश इस बात पर एकमत थे कि आतंकवाद और इसके लिए फंडिंग हर तरह से वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है। तीसरे नो मनी फार टेरर (एनएफएफटी) सम्मेलन के समापन के बाद जारी एक बयान में अध्यक्ष ने घोषणा की कि आतंकवाद और इसके वित्तपोषण का मुकाबला करने की कार्रवाई बिना किसी भेदभाव और अपवाद के सामूहिक और एकीकृत होनी चाहिए। आतंकवाद के प्रति जीरो टालरेंस अप्रोच के लिए सभी को प्रतिबद्ध होना चाहिए। आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए निरंतर वैश्विक फोकस बनाए रखने की आवश्यकता जताई गई। इसमें वैश्विक आतंकवादी संस्थाओं के खिलाफ प्रतिबंधों को लागू करने के साथ-साथ आतंकवाद और इसकी फंडिंग से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई गई। साथ ही कहा गया कि राज्य इसके क्रियान्वयन का आकलन भी करते रहें। सम्मेलन में 93 देशों और बहुपक्षीय संगठनों ने भाग लिया।

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सम्मेलन की खास बातें

  • आतंकवाद और इसके लिए फंडिंग से जुड़ा कोई भी कार्य आपराधिक और अन्यायपूर्ण है, भले ही व किसी के द्वारा भी किया गया हो। ये राजनीतिक विचारों से परे हो।
  • आतंकवाद राज्यों की सुरक्षा, स्थिरता, शासन, सामाजिक और आर्थिक विकास को कमजोर करता है। इसलिए राज्य इन खतरों के उभरने से पहले ही सक्रिय रूप से मुकाबला करने के अपने प्रयासों को बढ़ा दें।
  • आतंकवादी गतिविधियों में शामिल संस्थाओं या व्यक्तियों पर पैनी नजर रखनी होगी ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की सक्रिय या निष्क्रिय सहायता प्रदान करने से रोका जा सके। इसमें आतंकवादी समूहों द्वारा भर्ती को रोकना भी शामिल है।
  • आतंकवादी संगठन सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचने में कामयाब हो जाते हैं। ये बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। सभी राज्यों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह से सहयोग करना चाहिए ताकि आतंकियों के सुरक्षित आश्रयों की पहचान की जा सके और आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
  • राज्यों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार न्याय करने का प्रयास करना चाहिए। जो कोई भी व्यक्ति आतंकवाद का समर्थन करता है, सुविधा देता है, सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है, आतंकवादी कृत्यों के वित्तपोषण करता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई हो।
  • 2024 या 2025 में एनएफएफटी की मेजबानी करने के जर्मनी के प्रस्ताव का स्वागत किया गया। 2023 में इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
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