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Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश सरकार का अहम फैसला, छात्रों की शिक्षा में सुधार के लिए उठाया ये कदम

Andhra Pradesh News आंध्र प्रदेश सरकार ने छात्रों की शिक्षा को लेकर अहम फैसला लिया है। राज्य सरकार ने शिक्षा का अधिकार (आरटीई) नियम 2010 में संशोधन किया है। छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए ऐसा किया गया है।

By AgencyEdited By: Manish NegiUpdated: Wed, 30 Nov 2022 11:06 AM (IST)
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Andhra Pradesh: बेहतर होगी छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता
अमरावती, एजेंसी। देश में चुनावों और जनगणना के वक्त शिक्षकों को ड्यूटी पर लगा दिया जाता है। जिस वजह से छात्रों को पढ़ाई का काफी नुकसान होता है। हालांकि, अब आंध्र प्रदेश में सरकारी शिक्षकों के पास बच्चों को पढ़ाने के अलावा और कोई काम नहीं होगा।

शिक्षा का अधिकार नियम में संशोधन

आंध्र प्रदेश सरकार ने छात्रों की शिक्षा में सुधार के लिए अहम फैसला लिया है। राज्य सरकार ने 'गैर-शैक्षणिक उद्देश्यों' के लिए शिक्षकों की तैनाती पर रोक लगाते हुए बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) नियम 2010 में संशोधन किया है। संशोधन होने के बाद शिक्षकों को चुनाव, जनगणना जैसे कामों से दूर रखा जाएगा। राज्य के शिक्षा विभाग ने मंत्रियों और विधायकों के निजी सहायक के रूप में लगे शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद्द कर दी है, ऐसे शिक्षकों को दोबारा बच्चों को पढ़ाने में लगाया गया है।

आरटीई अधिनियम मजबूत बनाने के लिए संशोधन

स्कूल शिक्षा आयुक्त एस सुरेश कुमार ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 27 में गैर-शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए शिक्षकों की तैनाती पर रोक लगाने की परिकल्पना की गई है। आरटीई अधिनियम को और मजबूत करने के लिए हमने आवश्यक संशोधन किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य शिक्षकों को उनकी मुख्य शैक्षणिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने और बच्चों की शैक्षणिक उन्नति में सुधार करना था।

सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा

स्कूल शिक्षा आयुक्त ने आगे कहा कि विभिन्न शिक्षक यूनियनों ने सरकार को निवेदन किया था कि शिक्षकों की सेवाओं का इस्तेमाल सिर्फ रिजल्ट में सुधार के लिए शैक्षणिक कार्यों के लिए ही किया जाना चाहिए। शिक्षा रिपोर्ट के वार्षिक सर्वेक्षण में बच्चों की पढ़ाई पर इसका काफी असर देखा गया है।

पढ़ाई में छात्रों का प्रदर्शन खराब

सर्वे के अनुसार, कक्षा 3 में केवल 22.4 प्रतिशत बच्चे कक्षा 2 का पाठ पढ़ सकते थे और केवल 38.4 प्रतिशत ही गणित में घटाव कर सकते थे। सर्वे के मुताबिक, कक्षा 5 के सिर्फ 39.3 प्रतिशत छात्र गणित में योग विभाजित कर सकते थे, जबकि कक्षा 8 के ऐसे छात्रों की संख्या केवल 47.60 फीसद थी। आंध्र प्रदेश स्टूडेंट लर्निंग अचीवमेंट के सर्वे में ये भी पता चला कि छात्रों में पढ़ने और समझने का कौशल काफी खराब है।

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