मीरा पैबी समूह के कारण इंफाल घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित, स्थानीय क्लबों ने 48 घंटे के बंद का किया आह्वान
Manipur Violence मणिपुर के इंफाल से फिर एकबार अशांति की खबर सामने आ रही है। इंफाल घाटी के जिलों में मंगलवार को सामान्य जनजीवन प्रभावित होते हुए एकबार फिर देखा गया। मैतेई महिलाओं के एक समूह मीरा पैबी और पांच स्थानीय क्लबों ने गिरफ्तार किए गए पांच युवकों की रिहाई की मांग को लेकर 48 घंटे के बंद का आह्वान किया है।
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Tue, 19 Sep 2023 10:46 AM (IST)
इंफाल, एजेंसी। मणिपुर महीनों से हिंसा की आग में जल रहा है। मंगलवार को एकबार फिर मणिपुर के इंफाल घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित दिखा। मैतेई महिलाओं के एक समूह मीरा पैबी और पांच स्थानीय क्लबों ने गिरफ्तार किए गए पांच युवकों की रिहाई की मांग को लेकर 48 घंटे के बंद का आह्वान किया है। अधिकारियों ने कहा कि वे आग्नेयास्त्र (firearms) और कैमोफलेज यूनिफार्म (camouflage uniforms) पहने हुए थे।
इस आह्वान के बाद बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और मंगलवार सुबह सड़कों पर कुछ ही वाहन चल रहे थे।सोमवार को मीरा पैबिस ने युवाओं की रिहाई की मांग करते हुए इंफाल पूर्वी जिले के खुरई और कोंगबा, इंफाल पश्चिम जिले के काकवा, बिष्णुपुर जिले के नंबोल और थौबल जिले के कुछ हिस्सों में कई महत्वपूर्ण सड़कों को अवरुद्ध कर दिया था।
पांचों गिरफ्तार युवकों को बिना शर्त किया जाए रिहा
मणिपुर पुलिस ने शनिवार को अत्याधुनिक हथियार रखने और कैमोफलेज यूनिफार्म पहनने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने एक बयान में कहा कि पांचों को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
ऑल लंगथाबल केंद्र यूनाइटेड क्लब्स कोऑर्डिनेटिंग कमेटी (All Langthabal Kendra United Clubs Coordinating Committee) के अध्यक्ष युमनाम हिटलर ने कहा, "गिरफ्तार किए गए पांचों युवक गांव के नागरिक और स्वयंसेवक हैं जो कुकी आतंकवादियों के हमलों से अपने संबंधित गांवों की रक्षा कर रहे हैं क्योंकि सुरक्षा बल अपना काम ठीक से करने में विफल रही है। हम चाहते हैं कि उन्हें बिना शर्त रिहा किया जाए।”
'रिहा नहीं किए गए तो आंदोलन हो जाएगा तेज'
ऑल लंगथाबल केंद्र यूनाइटेड क्लब्स कोऑर्डिनेटिंग कमेटी के अध्यक्ष युमनाम ने आगे की जानकारी देते हुए कहा, "अगर सरकार उन्हें रिहा करने में विफल रहती है तो आंदोलन तेज हो जाएगा।"प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को पांच युवकों की रिहाई की मांग करते हुए पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन पर धावा बोलने की कोशिश की थी। जिसके बाद सुरक्षा बलों को कई राउंड आंसू गैस के गोले दागने पड़े। गतिरोध के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों और एक आरएएफ कर्मी को मामूली चोटें आईं थी।
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