दिल्ली घूमने आए कश्मीरी छात्र, राष्ट्रपति कोविंद के साथ बिताया समय
जम्मू कश्मीर से कुछ छात्र और छात्राएं भारतीय सेना के साथ दिल्ली घूमने आए हैं। इस दौरान उन्होंने अपने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।
By Ayushi TyagiEdited By: Updated: Fri, 30 Aug 2019 12:32 PM (IST)
नई दिल्ली,एजेंसी। जब से जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया जाने के बाद से कई बदलाव सामने आए हैं। अब भारतीय सेना की उत्तरी कमान के साथ कश्मीर के 13 छात्र और 12 छात्राएं दिल्ली की यात्रा पर आए हुए हैं। कल ये सभी बच्चे राष्ट्रपति भवन पहुंचे और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इन सभी ने मुलाकात कर बातचीत की। राष्ट्रपति भवन में समय बीताने के बाद इन सभी ने राष्ट्रपति के साथ कुछ तस्वीरें भी खिंचवाई।
बता दें कि राज्य में कई ऐसे बच्चे है जिन्होंने सिनेमाघर तक नहीं देखें हैं। दरअसल, 90 के दशक में आतंकवाद की आग ने कुछ सिनेमाघरों को जला दिया था साथ ही कई पर ताला लगा दिया था।
इरमीम शमीम ने लहराया परचम
जम्मू-कशमीर के राजौरी रहने वाली इरमीम शमीम पहली ऐसी गुर्जर महिला बन गई हैं जिन्होंने भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा पास की। हालांकि, उन्होंने ये परीक्षा जून महीने में पास की थी। उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया तब जाकर वह यह परीक्षा पास कर पाई। साथ ही उन्होंने पहले ही प्रयास में ये परीक्षा पास की है। इरमीम के परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। इरमीम 10 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाया करती थीं। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके गांव में कोई अच्छा स्कूल नहीं था। बाइंडिग करने वाले ने पास की कश्मीर प्रशासनिक सेवा
राज्य के ऊधमपुर जिले में किताबें बाइंडिंग करने वाले ने कश्मीर प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 10वीं रैंक हासिल की है। जिसका नाम सुरेश सिंह है। सुरेश के पिता आटो चालक थे और वह बुक बाइंडिग का काम भी किया करते थे। उनकी मौत के बाद सुरेश ने बुक बाइंडिग का काम शुरू किया। सुरेश ने कहा कि ये उनके पिता का सपना था कि मुझे एक अच्छी नौकरी मिले।
जम्मू-कशमीर के राजौरी रहने वाली इरमीम शमीम पहली ऐसी गुर्जर महिला बन गई हैं जिन्होंने भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा पास की। हालांकि, उन्होंने ये परीक्षा जून महीने में पास की थी। उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया तब जाकर वह यह परीक्षा पास कर पाई। साथ ही उन्होंने पहले ही प्रयास में ये परीक्षा पास की है। इरमीम के परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। इरमीम 10 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाया करती थीं। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके गांव में कोई अच्छा स्कूल नहीं था। बाइंडिग करने वाले ने पास की कश्मीर प्रशासनिक सेवा
राज्य के ऊधमपुर जिले में किताबें बाइंडिंग करने वाले ने कश्मीर प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 10वीं रैंक हासिल की है। जिसका नाम सुरेश सिंह है। सुरेश के पिता आटो चालक थे और वह बुक बाइंडिग का काम भी किया करते थे। उनकी मौत के बाद सुरेश ने बुक बाइंडिग का काम शुरू किया। सुरेश ने कहा कि ये उनके पिता का सपना था कि मुझे एक अच्छी नौकरी मिले।