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Padma Awards 2023: 'नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं इसलिए मिला पद्म भूषण', कन्नड़ लेखक एस एल भैरप्पा का बयान

Padma Awards 2023 प्रख्यात लेखक और उपन्यासकार एस एल भैरप्पा ने पद्म भूषण से सम्मानित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें यह पुरस्कार इसलिए मिला क्योंकि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं।भैरप्पा एक प्रशंसित कन्नड़ लेखक हैं जिनकी किताबें 14 से अधिक भाषाओं में अनुवाद की जा चुकी है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Thu, 26 Jan 2023 04:28 PM (IST)
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Padma Awards 2023: 'नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं इसलिए मिला पद्म भूषण', कन्नड़ लेखक एस एल भैरप्पा का बयान

मैसूर, एजेंसी। Padma Awards 2023: केंद्र ने 25 जनवरी को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए कई हस्तियों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार मिला है। पद्म भूषण पाने वाले विजेताओं में से एक डा. एस एल भैरप्पा भी है। भैरप्पा एक उत्कृष्ट साहित्यकार हैं। वह दक्षिण भारतीय भाषा, कन्नड़ में लिखते हैं। उनके उपन्यासों का व्यापक रूप से भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जाता है।

लेखक एस एल भैरप्पा ने जताई खुशी

पद्म भूषण से सम्मानित प्रख्यात लेखक और उपन्यासकार एस एल भैरप्पा ने कहा कि अगर किसी लेखक के काम की उसकी मृत्यु के बाद भी प्रासंगिकता है, तो यह एक बड़ा पुरस्कार है। पद्म भूषण से सम्मानित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें यह पुरस्कार इसलिए मिला क्योंकि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं।

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पुरस्कार मिला क्योंकि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं...

भैरप्पा ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'मैं इतना ही कह सकता हूं कि चूंकि मोदी प्रधानमंत्री हैं, इसलिए मुझे यह पुरस्कार मिला है।' पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि पुरस्कार आएंगे और जाएंगे, कोई यह नहीं देखेगा कि एक लेखक को कौन सा पुरस्कार मिला है, अगर पाठकों को लेखक के पुस्तक में रुचि है तो वे इसे पसंद करेंगे। लेखक तो एक दिन मर जाएगा लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि क्या उनकी मृत्यु के बाद भी उनकी पुस्तक की प्रासंगिकता बनी रहेगी।

14 से अधिक भाषाओं में अनुवाद

भैरप्पा एक प्रशंसित कन्नड़ लेखक हैं जिनकी किताबें 14 से अधिक भाषाओं में अनुवाद की जा चुकी है। उन्हें भारतीय महाकाव्यों में समाज और मूल्यों के बारे में लिखने में विशेषज्ञता है। उनके विभिन्न उपन्यासों में 'आवाराण' सबसे लोकप्रिय उपन्यास है। सम्मान से खुश भैरप्पा ने कहा, "यह पुरस्कार मैसूर के लोगों को समर्पित है, क्योंकि मेरे गुरुओं और यहां के लोगों ने ही मेरा भरण-पोषण किया है।

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