अब आप भी बन सकते हैं पर्यावरण के प्रहरी
दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा में सुधार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मांगे सुझाव...
By Srishti VermaEdited By: Srishti VermaUpdated: Wed, 31 May 2017 08:57 AM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। अगर आपके पास दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा को बेहतर बनाने के लिए कोई सुझाव या प्रस्ताव है, तो कागज कलम उठाइए और लिखकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेज दीजिए। विशेषज्ञ समिति द्वारा चयनित होने पर सुझाव या प्रस्ताव पर आर्थिक मदद भी मिलेगी और पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ आपको उस पर काम करने का मौका भी मिलेगा। जी हां, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए आम जनता से भी सुझाव व प्रस्ताव मांगे हैं।
सीपीसीबी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक एनसीआर के लिए सुझावों / प्रस्तावों की अलग-अलग श्रेणियां हैं। कुछ श्रेणियों में पंजाब को भी शामिल किया गया है। सभी प्रस्ताव सीपीसीबी के सदस्य सचिव के नाम जमा कराए जाएंगे। प्रस्ताव भेजने वाले को अपना अनुभव और विशेषज्ञता के साथ यह उल्लेख भी करना होगा कि आखिर उसकी आवश्यकता क्यों है। तरीका क्या होगा?, क्या परिणाम आएंगे? व अनुमानत: कितना खर्च आएगा?
दिल्ली-एनसीआर में डीजल वाहनों के पंजीकरण पर वाहन की एक्स शोरूम कीमत का दो फीसद शुल्क पर्यावरण कर के रूप में देना पड़ता है। यह धन सीपीसीबी के अधीन ईपीसी (एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन चार्ज) फंड में जमा होता है। लगभग 20 करोड़ रुपये के इस फंड को लेकर पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सीपीसीबी व ईपीसीए (पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण) को आदेश दिया था कि इस राशि का उपयोग पर्यावरण की बेहतरी के लिए किया जाए। इसी के बाद सीपीसीबी ने जनता से सुझाव मांगे हैं।
दिल्ली एनसीआर के लिए निर्धारित श्रेणियां-पर्यावरण प्रदूषण से निपटने के लिए ढांचा तैयार करना, उसकी क्षमता बढ़ाना।
-जन जागरूकता के लिए जगह-जगह एलईडी डिस्प्ले करना, टॉक शो कराना, पत्र पत्रिकाओं के लिए कॉलम तैयार करना।-वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए शोध आधारित रिपोर्ट व प्लान तैयार करना। वाहनों का धुआं कम करने की तकनीक पर काम करना, प्रदूषण जांच केंद्रों को अपग्रेड करना, स्वच्छ ईंधन व उद्योगों के प्रदूषण पर नियंत्रण की दिशा में काम करना।
-वायु व ध्वनि प्रदूषण से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव पर शोध रिपोर्ट तैयार करना।दिल्ली-एनसीआर और पंजाब के लिए निर्धारित श्रेणियां-वायु गुणवत्ता प्रबंधन व प्लानिंग।-पराली जलाने और उसके प्रभावों पर अध्ययन रिपोर्ट तैयार करना।-बेहतर यातायात प्रबंधन।-शहरों में साइकिल को बढ़ावा देने के लिए प्लान बनाना।-वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए साइड और हॉट स्पॉट चिह्नित करना।
कोई भी व्यक्ति या संस्था अपना प्रस्ताव भेज सकती है। हर तीन महीने में सीपीसीबी की तकनीकी समिति आए हुए प्रस्तावों का मूल्यांकन कर चयनित प्रस्तावों के लिए अनुशंसा करेगी। चुने गए प्रस्तावों पर सीपीसीबी के मार्गदर्शन में फंड भी दिया जाएगा और काम भी किया जाएगा।- डॉ. प्रशांत गार्गवा, अतिरिक्त निदेशक एवं वायुगुणवत्ता प्रबंधन शाखा प्रमुख, सीपीसीबी। -संजीव गुप्ता