उच्च शिक्षण संस्थानों को बेहतर बनाने में अब आप भी दें सहयोग, शिक्षा मंत्रालय ने विद्यांजलि योजना के तहत की अनूठी पहल
शिक्षा मंत्रालय ने विद्यांजलि योजना के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ ही स्वैच्छिक रूप से पढ़ाने और प्रशिक्षण देने से जुड़े लोगों से सहयोग मांगा है। साथ ही ऐसे लोगों और उद्योगों से विद्यांजलि पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा है।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Mon, 21 Mar 2022 10:05 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अपने आसपास के उच्च शिक्षण संस्थानों की खराब हालात को लेकर अब सिर्फ कोसने से काम नहीं चलेगा, बल्कि उन्हें बेहतर बनाने के लिए आपके सहयोग की भी जरूरत होगी। शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए विद्यांजलि स्कीम को नए रूप में सामने लाया है। इसके तहत कोई भी स्वैच्छिक रूप से उच्च शिक्षण संस्थानों को बेहतर बनाने में सहयोग दे सकेगा। इनमें कोई व्यक्ति, उद्योग या संस्थान हो सकता है। सहयोग सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर के स्तर पर ही नहीं, बल्कि स्वैच्छिक रूप से पढ़ाने या क्षेत्र विशेष में प्रशिक्षण देने आदि से भी जुड़ा हुआ होगा ताकि छात्रों के भविष्य को और बेहतर तरीके से संवारा जा सके।
उच्च शिक्षण संस्थानों से सेवानिवृत्त करीब चार लाख शिक्षकशिक्षा मंत्रालय ने इस स्कीम के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ ही स्वैच्छिक रूप से पढ़ाने और प्रशिक्षण देने से जुड़े लोगों से सहयोग मांगा है। साथ ही ऐसे लोगों और उद्योगों से विद्यांजलि पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा है। मंत्रालय की यह पहल उन सभी लोगों को मुहिम से जोड़ने की है, जो शिक्षक, विज्ञानी, चिकित्सक व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हैं और स्वैच्छिक रूप से वह उच्च शिक्षण संस्थानों को सहयोग देना चाहते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में उच्च शिक्षण संस्थानों से सेवानिवृत्त करीब चार लाख शिक्षक हैं। इनमें से बड़ी संख्या में शिक्षक अपने आसपास के संस्थानों में स्वैच्छिक रूप से पढ़ाने के लिए तैयार भी हैं। इसी तरह स्किल के क्षेत्र जुड़ी ऐसी प्रतिभाएं भी हैं, जो अपने स्किल को छात्रों के बीच साझा करना चाहती हैं, लेकिन अभी इसके लिए कोई प्लेटफार्म नहीं था। शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि उन्होंने इसके लिए एक विस्तृत प्लेटफार्म तैयार किया है। इसमें उच्च शिक्षण संस्थानों को किसी न किसी तरह सहयोग देने के इच्छुक लोग रजिस्ट्रेशन करा सकते है।
उच्च शिक्षण संस्थानों को अपनी जरूरत को प्रदर्शित करना होगागौरतलब है कि विद्यांजलि के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों को अपनी जरूरत को प्रदर्शित करना होगा। साथ ही स्वैच्छिक रूप से सहयोग देने वाले भी अपना रजिस्ट्रेशन इस पर करा सकते है। बाद में ऐसे सहयोग देने वालों की विशेषज्ञता और संस्थानों की मांग के आधार पर सीधे जोड़ा जाएगा। अभी यह स्कीम स्कूलों के लिए ही शुरू की गई थी, लेकिन स्कूलों में मिले बेहतर रुझान के बाद मंत्रालय ने इसे उच्च शिक्षा में भी लागू किया है।