Israel War: भारत में हुआ इजरायल की तरह आतंकी हमला तो कैसे निपटेंगे? NSG बना रही रणनीति
इजरायल में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय एजेंसी भी चौकन्ना हो गई हैं। भारत में इजरायल जैसे आतंकी हमले से निपटने की तैयारी की जा रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने सभी राज्यों के आतंकरोधी एजेंसियों के साथ गुरुवार से दो दिन के सेमिनार का आयोजन किया है। सेमिनार में सेना और नौसेना के विशेष दस्तों को भी आमंत्रित किया गया है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। इजरायल में धरती, समुद्र और आकाश से एक साथ हुए हमास के आतंकी हमले ने भारतीय एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है और ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी की कोशिश शुरू हो गई है। इजरायल पर आतंकी हमले के एक हफ्ते से भीतर ही राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने सभी राज्यों के आतंकरोधी एजेंसियों के साथ गुरुवार से दो दिन के सेमिनार का आयोजन किया है और इसमें सेना और नौसेना के विशेष दस्तों को भी आमंत्रित किया गया है।
इजरायल जैसे आतंकी हमलों से निपटने पर चर्चा
सेमिनार में इजरायल जैसे आतंकी हमलों से निपटने के लिए सभी एजेंसियों की विशेषज्ञता का एकसाथ इस्तेमाल करने की रणनीति पर चर्चा हो रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आतंकी हमलों से निपटने के लिए एनएसजी को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। हमले की आशंका वाले स्थानों पर इसकी यूनिट को स्थायी रूप से तैनात भी किया गया है, ताकि प्रशिक्षित कमांडो को भेजने में समय बर्बाद नहीं हो, जैसा कि मुंबई हमले के दौरान हुआ था।
उस समय दिल्ली से एनएसजी कमांडो भेजने में कई घंटे बर्बाद हो गए थे, लेकिन यदि एक साथ कई स्थानों पर अलग-अलग रास्तों से इजरायल की तरह से हमला हो जाए, तो उससे निपटना अकेले एनएसजी के लिए आसान नहीं होगा, इसके लिए सभी एजेंसियों को एकजुट होकर काम करना होगा और उनकी अलग-अलग विशेषज्ञता का इस्तेमाल करना होगा।
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सेमिनार में इस बात पर विचार किया जा रहा है कि एनएसजी कमांडो के पहुंचने के पहले आतंकी हमलों रोकने और उससे निपटने के लिए राज्य की आतंकरोधी एजेंसियों को कैसे तैयार किया जाए और उन्हें किस तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा। आतंकी हमलों का पहला सामना राज्य पुलिस को करना पड़ता है। इसी तरह से बड़े पैमाने पर आतंकी हमले की स्थिति में सेना और नौसेना के विशेष रूप से प्रशिक्षित दस्तों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
आतंकी रोधी एजेंसियों के प्रतिनिधि ले रहे हिस्सा
माना जा रहा है कि दो दिन के सेमिनार में आतंकी हमले की स्थिति में प्रत्येक एजेंसी की भूमिका और बेहतर रणनीति के तहत उनके इस्तेमाल की रूपरेखा तैयार हो जाएगी। बैठक में आतंकी रोधी एजेंसियों के 250 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जिनमें 33 विदेशी एजेंसियों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
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