भारत में बढ़ने वाला है चीतों का कुनबा, नई खेप से पहले राज्यों ने तेज की तैयारियां; गुजरात ने भी दिखाई रुचि
भारत में एक बार फिर चीतों का कुनबा बढ़ने वाला है। देश में इस साल अक्टूबर-नवंबर में चीतों की नई खेप लाई जाएगी जिसमें 10 से 12 चीतों को लाया जा सकता है। चीजों को रखने के लिए अलग-अलग राज्यों की ओर से दावेदारी भी पेश होना शुरू हो गई है। जहां गुजरात इसके लिए चाकचौबंद व्यवस्था में जुटा है तो राजस्थान भी आस लगाए हुए है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में इस साल अक्टूबर-नवंबर तक आने वाली चीतों की खेप को लेकर राज्यों की दावेदारी सामने आने लगी है। मध्य प्रदेश, राजस्थान के बाद अब गुजरात ने भी चीतों को बसाने को लेकर रुचि दिखाई है। साथ ही उन्हें रखने के लिए घास के मैदानों से घिरे कच्छ के रन स्थित बन्नी अभयारण्य में उससे जुड़ी जरूरी तैयारियां तेज कर दी है, जिसमें घेराबंदी सहित बाड़े (इनक्लोजर) आदि का निर्माण शामिल है।
माना जा रहा है कि यदि चीतों की नई खेप आने तक गुजरात अपनी तैयारियों को चाकचौबंद कर लेता है तो संभव है कि चीतों की आने वाले नई खेप में से कुछ चीते उसे भी दे दिए जाए। चीता प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल अब तक जो प्रस्तावित योजना है, उसके तहत चीतों की आने वाले नई खेप को मध्य प्रदेश के गांधी सागर या फिर नौरादेही अभयारण्यों में रखा जाना है, जहां इससे जुड़ी तैयारियां लगभग पूरी है।
राजस्थान ने भी लगाई आस
इसके साथ ही चीतों को रखने के लिए राजस्थान भी नजर लगाए हुए है। यह बात अलग है कि अभी तक उसने चीतों को अपने यहां बसाने को लेकर कोई तैयारी नहीं शुरू की है। उससे आगे गुजरात ने इन्हें रखने की न सिर्फ पहल की है, बल्कि इसकी तैयारियां भी तेज कर दी हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश के बाद चीतों के दूसरे ठिकाने के लिए गुजरात की दावेदारी मजबूत हो गई है।लाए जा सकते हैं 10-12 चीते
सूत्रों की मानें तो योजना के तहत आने वाले नई खेप में 10 से 12 चीतों को लाया जाएगा। दक्षिण अफ्रीका के साथ ही केन्या के साथ भी इसे लेकर बातचीत चल रही है। ज्यादा संभव है कि गुजरात की तैयारियों को देखते हुए इनमें से कुछ चीते उसे भी दे दिए जाए। वैसे भी 2022 में शुरू किए गए चीता प्रोजेक्ट के तहत अगले पांच सालों में कुल पचास चीतों को लाने की योजना है।