Delhi Pollution: आर्टिफिशियल बारिश, स्मॉग टावर, पानी का छिड़काव... पढ़ें दिल्ली में प्रदूषण रोकने की क्या है योजना
Delhi Pollution कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में दिल्ली पंजाब सहित सभी पड़ोसी राज्यों के साथ बैठक हुई है। उच्चस्तरीय बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। वायु प्रदूषण के खिलाफ छिड़ी जंग में पुलिस को उतारने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा सभी राज्यों को प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं।
By Jagran NewsEdited By: Manish NegiUpdated: Wed, 08 Nov 2023 09:56 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण की खतरनाक स्थिति से जूझ रहे दिल्ली में राज्य सरकार की ओर से प्रस्तावित ऑड ईवन फॉर्मूले को जहां खारिज कर दिया है, वहीं इसकी जगह दूसरे विकल्पों को आजमाने का सुझाव दिया है, इसमें कृत्रिम बारिश कराने जैसे विकल्प भी शामिल है। इसके साथ ही राज्यों से वायु प्रदूषण के खिलाफ छिड़ी इस मुहिम में पुलिस को उतारने के निर्देश दिए है, जिससे पराली जलाने वाले लोगों सहित सहित वायु प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्ती से निपटा जा सके।
बैठक में सभी राज्यों ने दिए सुझाव
वायु प्रदूषण के संकट से निपटने के लिए केंद्र ने यह निर्देश बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अगुवाई में हुई उच्च स्तरीय बैठक में दिए हैं। बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की सचिव लीना नंदन सहित कृषि, ऊर्जा और शहरी विकास मंत्रालय के सचिवों के अतिरिक्त पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित सभी पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिव व डीजीपी, प्रदूषण बोर्ड से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। करीब तीन घंटे चली इस उच्च स्तरीय बैठक में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति से निपटने के फौरी और दीर्घकालिक उपायों पर भी लंबी चर्चा की गई। इस बीच सभी राज्यों ने अपने-अपने प्रस्ताव भी दिए।
दिल्ली सरकार को दिए गए विकल्प
दिल्ली ने इस दौरान ऑड-ईवन फार्मूले को लागू करने का प्रस्ताव रखा, जिसे कैबिनेट सचिव ने यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि यह उपयुक्त नहीं है। इसके अतिरिक्त दूसरे विकल्पों पर विचार किया जाए। खासकर दिल्ली में जो भी स्मॉग टावर लगाए गए है, उन्हें चलना सुनिश्चित कराया जाए। मौजूदा समय में इनमें से ज्यादा बंद है या कुछ ही समय वो चलते हैं। सड़कों पर पानी के छिड़काव में तेजी लायी जाए, साथ ही सड़कों की सफाई में इस बात का ध्यान रखा जाए, कि धूल न उड़े। इसके लिए मशीनों के जरिए सड़कों की सफाई को प्राथमिकता दी जाए।
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