Move to Jagran APP

आर्मी अफसर और मंगेतर से बदसलूकी का मामला: सोशल मीडिया पर आपस में क्यों भिड़े पूर्व सेनाध्यक्ष और पूर्व CBI चीफ?

ओडिशा में सैन्य अफसर और उनकी मंगेतर से थाने में बदसलूकी और मारपीट के मामले में पूर्व सेना प्रमुख और पूर्व सीबीआई चीफ सोशल मीडिया में आपस में भिड़ गए। जहां पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने इसे शर्मनाक घटना बताते हुए अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वहीं पूर्व सीबीआई चीफ मामले में पुलिस का बचाव करते नजर आए।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Thu, 26 Sep 2024 04:18 PM (IST)
Hero Image
मामले को लेकर पूर्व सेना प्रमुख और पूर्व सीबीआई चीफ सोशल मीडिया पर भिड़ गए। (File Image)
एजेंसी, नई दिल्ली। ओडिशा में सैन्य अफसर और उनकी मंगेतर से भरतपुर थाने में मारपीट और यौन उत्पीड़न के मुद्दे पर पूर्व सेना प्रमुख और पूर्व सीबीआई चीफ सोशल मीडिया पर भिड़ गए। जहां पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने मामले को लेकर ओडिशा सीएम से आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। 

वहीं, पूर्व सीबीआई चीफ एम. नागेश्वर राव ने इस पर पुलिस का बचाव करते हुए कहा कि एक आर्मी अफसर और उनकी मंगेतर ने शराब पीकर गाड़ी चलाई और थाने में हंगामा किया। इसके लिए पुलिस की आलोचना करना सही नहीं है।

वीके सिंह ने की कार्रवाई की मांग

पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने लिखा, 'सभी को अंकिता प्रधान, सेना अधिकारी की मंगेतर, सेवानिवृत्त सेना अधिकारी की बेटी की बात सुननी चाहिए। ओडिशा के पुलिस थाना भरतपुर में उनके साथ जो हुआ, वह शर्मनाक और भयानक है। सीएम ओडिशा को पुलिस कर्मियों और उन सभी लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, जो पुलिस वर्दी में अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।'

पूर्व सीबीआई चीफ ने किया पुलिस का बचाव

जनरल सिंह की पोस्ट पर पूर्व सीबीआई चीफ और ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी एम. नागेश्वर राव ने लिखा, 'भुवनेश्वर शहर में एक आर्मी अफसर और उसकी मंगेतर ने 10 पैग शराब पीकर रात के 2 बजे के करीब कार चलाई, रात के 2-30 बजे इंजीनियरिंग के छात्रों से झगड़ा किया और फिर भरतपुर पुलिस स्टेशन में घुसकर हंगामा मचाया। इतना हंगामा कि पुलिस स्टेशन के स्टाफ को पीसीआर की मदद लेनी पड़ी। जब उन्हें मेडिकल जांच और ब्लड टेस्ट के लिए अस्पताल भेजा गया, जो जांच का मानक प्रोटोकॉल है, तो उन्होंने मना कर दिया।'

पूर्व अधिकारी ने आगे लिखा, 'ओडिशा पुलिस के पास 600 से ज्यादा पुलिस स्टेशन हैं और वे मिलकर सालाना करीब 2 लाख मामले दर्ज करते हैं और उनकी जांच करते हैं। लाखों लोग अपनी शिकायतें दर्ज कराने या मदद मांगने के लिए पुलिस स्टेशनों पर जाते हैं, जिनमें महिलाएं और सेना के अधिकारी भी शामिल हैं। ऐसा नहीं है कि पुलिस स्टेशन आने वाले लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है।'

पुलिस अधिकारी के पॉलीग्राफ परीक्षण की अनुमति मिली

इधर, ओडिशा की एक अदालत ने निलंबित पुलिस अधिकारी का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति दे दी है। वहीं, ओडिशा सरकार ने सैन्य अधिकारी और उनकी मंगेतर को सुरक्षा उपलब्ध कराई है। गौरतलब है कि 15 सितंबर को थाने में रोड रेज की शिकायत दर्ज कराने गए एक सैन्य अधिकारी को पुलिसकर्मियों द्वारा प्रताड़ित किया गया और उनकी मंगेतर का यौन उत्पीड़न किया गया था।