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Odisha Train Accident: कोल्ड रूम में पड़े हैं कई अज्ञात शव, अपनों को घर ले जाने का इंतजार कर रहे परिजन

ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे के बाद अभी तक कई मृतकों के परिजनों को उनके अपनों का शव भी नहीं सौंपा गया है। परिजन लगातार बीते कई दिनों से अस्पतालों में ही डेरा जमाए हुए हैं लेकिन कई परिजनों की उम्मीदें अब टूट रही हैं।

By Versha SinghEdited By: Versha SinghUpdated: Thu, 08 Jun 2023 08:16 AM (IST)
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ओडिसा ट्रेन हादसे में मृतकों का नहीं मिल पा रहा है शव (फोटो- ANI)

भुवनेश्वर (ओडिशा), एजेंसी। Odisha Train Accident:  ओडिशा के बालासोर में तीन-ट्रेन दुर्घटना के बाद भी, पीड़ितों के परिजन अभी भी अपने प्रियजनों के शवों के बारे में सुराग जुटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

मृतकों के परिजन एम्स और पांच अन्य केंद्रों में वर्तमान में रखे गए शवों का दावा करने के लिए अपने DNA नमूने देने के लिए भुवनेश्वर एम्स में एकत्र हुए हैं।

नहीं मिल रहा पीड़ित को बेटे का शव

एक पीड़ित के पिता ने ANI से बात करते हुए कहा कि अस्पताल ने उन्हें अपने बेटे का शव देने से इनकार कर दिया है क्योंकि उसकी DNA रिपोर्ट अभी बाकी है।

उन्होंने कहा कि मेरे बेटे की हादसे में मौत हो गई। उसके साथ तीन और लोग थे। दो मिल गए हैं और एक अस्पताल में है। मुझे मेरा बेटा यहां मिला है लेकिन उन्होंने उसका शव सौंपने से इनकार कर दिया है। हाथ में बंधे धागे से मैंने अपने बेटे की पहचान की है। DNA रिपोर्ट आने के बाद ही वे शव सौंपेंगे। मेरे पास खाने के लिए पैसे नहीं हैं, मैं अपने बेटे का शव अपने साथ ले जाने के लिए यहां आया हूं।

कई लोग अपने DNA नमूने जमा करने के बाद अपने घरों को लौट गए हैं क्योंकि उनके पास रहने की कोई व्यवस्था नहीं थी, जबकि उनमें से कुछ अपने रिश्तेदारों के शव मिलने की उम्मीद खो चुके हैं और घर जाने की योजना बना रहे हैं।

लोग बिना शव लिए ही लौट रहे घर

पीड़िता के भाई ने बताया कि वे कह रहे हैं कि उन्हें अभी तक मेरे भाई का शव नहीं मिला है। अब मैं अपने घर लौटने की सोच रहा हूं। मैं जितना कर सकता था मैंने कोशिश की है, लेकिन अब 3 दिन हो गए हैं। मैंने अपना DNA जमा कर दिया है और मुझे वापस जाने के लिए कहा गया है।

अभी कुल 30 सैंपल लिए गए हैं। इस बीच, सरकार ने सभी DNA नमूने दिल्ली एम्स भेजने का फैसला किया है।

सभी लाशों को एक कोल्ड रूम में रखा गया है। लाशों पर अभी लोगों द्वारा दावा किया जाना बाकी है क्योंकि DNA रिपोर्ट साझा करने के लिए 7-8 दिनों की प्रतीक्षा अवधि है।

इस बीच, ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने मंगलवार को कहा कि बालासोर ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या को संशोधित कर 288 कर दिया गया है।

193 शव भुवनेश्वर और 94 शव बालासोर भेजे गए 

288 शवों में से 193 को भुवनेश्वर और 94 शवों को बालासोर भेजा गया था। भद्रक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले एक व्यक्ति का शव उसके एक रिश्तेदार को सौंप दिया गया था।

ओडिशा के मुख्य सचिव ने कहा कि भुवनेश्वर भेजे गए 193 शवों में से 110 की पहचान कर ली गई है और 83 की पहचान की जानी बाकी है। इससे पहले सोमवार को अधिकारियों ने कहा था कि अभी 101 शवों की पहचान की जानी बाकी है।

200 लोगों का चल रहा इलाज

ANI से बात करते हुए, पूर्वी मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक रिंकेश रॉय ने कहा कि ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में अभी भी लगभग 200 लोगों का इलाज चल रहा है।

2 जून को ओडिशा के बालासोर जिले में बहानगर बाजार स्टेशन के पास शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद 1000 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

रेलवे ने कहा कि जहां तक शुरुआती जांच से पता चलता है कि ये दुर्घटना 'सिग्नलिंग इंटरफेरेंस' के कारण हो सकती है।