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Odisha Train Accident: कैसे हुआ इतना भीषण ट्रेन हादसा? डायग्राम के जरिए समझें स्थिति

ओडिशा के बालेश्वर में शुक्रवार को हुए भीषण रेल दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 288 हो गई है। इसको लेकर रेलवे ने डायग्राम बनाकर तीनों गाड़ियों की स्थिति को समझाया है कि कैसे मालगाड़ी लूप लाइन में खड़ी थी और कोरोमंडल एक्सप्रेस डिरेल हुई। Photo- Jagran Graphics

By Devshanker ChovdharyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sun, 04 Jun 2023 01:57 AM (IST)
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Odisha Train Accident: कैसे हुआ इतना भीषण ट्रेन हादसा?
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। ओडिशा के बालेश्वर में शुक्रवार को हुए भीषण रेल दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 288 हो गई है और घायलों की संख्या बढ़कर 1100 से अधिक पहुंच गई है। इन घायलों में 100 की हालत गंभीर बताई जा रही है।

इस ट्रेन हादसे की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस को मेन लाइन का सिग्नल दिया गया था, लेकिन इसे वापस ले लिया गया। इससे ट्रेन लूप लाइन में चली गई और वहां पहले से खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई। मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

रेलवे ने डायग्राम बनाकर समझाया स्थिति

इसको लेकर रेलवे ने डायग्राम बनाकर तीनों गाड़ियों की स्थिति को समझाया है कि कैसे मालगाड़ी लूप लाइन में खड़ी थी और कोरोमंडल एक्सप्रेस डिरेल हुई।

कैसे हुआ हादसा?

  • ओडिशा रेल हादसा कैसे हुआ, इसकी सटीक जानकारी आधिकारिक जांच होने के बाद ही पता चलेगा। हालांकि, रेलवे द्वारा जारी डायग्राम से समझा जा सकता है कि हादसा कैसे हुआ।
  • दुर्घटनास्थल ओडिशा के बालेश्वर जिले में बाहानागा बाजार स्टेशन से थोड़ा पहले है, जो दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर रेलवे डिवीजन का हिस्सा है। दुर्घटना में तीन ट्रेनें शामिल थीं। दो यात्री ट्रेनें विपरीत दिशाओं की ओर जा रही थीं और एक मालगाड़ी खड़ी थी।
  • बंगाल के शालीमार से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार शाम 6.35 बजे बालेश्वर के बाहानागा बाजार स्टेशन से निकली थी। 6:54 बजे तक यह ट्रेन मेन लाइन पर थी, जबकि कुछ ही दूरी पर बगल की लूप लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी।
  • सिग्नल वापस लेने के कारण 6.55 बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक लूप लाइन पर चली गई और मालगाड़ी से टकरा गई। उस समय ट्रेन की रफ्तार 128 किलोमीटर प्रतिघंटे थी।
  • ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया, जबकि पीछे के सभी डिब्बे बगल की डाउन लाइन की पटरी पर गिर गए। ठीक उसी समय उस डाउन लाइन से होकर बेंगलुरु से हावड़ा जानेवाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस गुजर रही थी, जिसकी रफ्तार 117 किलोमीटर प्रतिघंटा थी।
  • ट्रेन के ज्यादातर डिब्बे दुर्घटनास्थल से आगे बढ़ चुके थे, लेकिन पीछे के तीन डिब्बों से कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे से टकरा गए। इसके बाद ये हादसा इतना भीषण हो गया।

उच्च स्तरीय जांच के निर्देश

बता दें कि रेल मंत्री ने इस हादसे की उच्च स्तरीय कमेटी को जांच के निर्देश दिए हैं। रेल मंत्री ने कहा कि यह हादसा किस कारण से हुआ है, उसकी जांच की जाएगी।