'पीठासीन अधिकारी के पास नहीं होता माइक का स्विच', बिरला-धनखड़ ने विपक्ष के आरोपों पर दिया दो टूक जवाब
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने फिर यह मुद्दा उठाया और सवाल किया कि माइक कौन नियंत्रित करता है। बिरला ने फिर स्पष्ट किया कि माइक का नियंत्रण उनके पास नहीं होता। धनखड़ ने राज्यसभा में इसी तरह की टिप्पणी उस समय की जब उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे और इस दौरान कुछ व्यवधान उत्पन्न हुआ।
पीटीआई, नई दिल्ली। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को विपक्षी सदस्यों के उन आरोपों पर आपत्ति जताई कि सदन में बोलते समय उनके माइक बंद कर दिए जाते हैं। दोनों ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों के पास सांसदों के माइक बंद करने का कोई स्विच या रिमोट कंट्रोल नहीं होता।
बिरला ने कहा, 'चेयर सिर्फ व्यवस्था या निर्देश देती है। जिस सदस्य का नाम पुकारा जाता है, उसे सदन में बोलने का मौका मिलता है। चेयर के निर्देशानुसार माइक को नियंत्रित किया जाता है। चेयर पर बैठे व्यक्ति के पास माइक का स्विच या रिमोट कंट्रोल नहीं होता।'
चेयर की गरिमा का मामला है- बिरला
उन्होंने कहा, 'यह चेयर की गरिमा का मामला है। कम से कम जो लोग चेयर पर बैठते हैं, उन्हें ऐसी आपत्तियां नहीं उठानी चाहिए। (के) सुरेश भी चेयर पर बैठते हैं। क्या चेयर के पास माइक का नियंत्रण है।'माइक कौन नियंत्रित करता है- राहुल
बाद में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने फिर यह मुद्दा उठाया और सवाल किया कि माइक कौन नियंत्रित करता है। बिरला ने फिर स्पष्ट किया कि माइक का नियंत्रण उनके पास नहीं होता। धनखड़ ने राज्यसभा में इसी तरह की टिप्पणी उस समय की जब उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे और इस दौरान कुछ व्यवधान उत्पन्न हुआ।