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जब इंस्टा REEL ने 18 साल बाद मिला दिया गुमशुदा भाई, इस खास तरीके से महिला ने की पहचान; दिलचस्प है पूरी कहानी

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक दिल को छू लेने वाली घटना में एक बहन ने 18 साल बाद अपने खोए हुए भाई को इंस्टाग्राम रील के जरिए पहचाना। यह तब हुआ जब बहन ने वीडियो में अपने भाई का टूटा हुआ दांत देखा। बहन अपने भाई को सालों बाद देखकर भावुक हो गई। इस कहानी में बहन का दर्द और भाई का संघर्ष दोनों ही है।

By Babli Kumari Edited By: Babli Kumari Published: Sat, 29 Jun 2024 10:05 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2024 10:05 AM (IST)
बहन ने इंस्टाग्राम रील के जरिए की भाई की पहचाना (सोशल मीडिया)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हम सब इंस्टाग्राम पर रोजाना कम से कम दो-तीन रील तो देख ही डालते हैं। आजकल रील (REEL) और मीम्स (MEMES) हमारे जिंदगी का हिस्सा हो चुके हैं अगर मैं ऐसा बोल दूं तो कुछ गलत नहीं होगा।

गुदगुदाने वाले ये रील्स और मीम्स के लिए फेमस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम (INSTAGRAM) पर सिर्फ मनोरंजन नहीं होता बल्कि परसों से बिछड़े परिवार भी इन रील्स के माध्यम से मिलते हैं। शायद ये सुन के आपको अजीब लगे लेकिन यह फिल्मी कहानी इंस्टाग्राम पर घटित हुई है।

ऐसे हुआ 18 साल से बिछड़े भाई-बहन का मिलन 

इस कहानी की शुरुआत होती है रील्स देखने से जहां एक बहन उत्तर प्रदेश के कानपुर के हाथीपुर गांव में बैठकर अपने 18 साल पहले गुमशुदा भाई के विडियो को रील में देखती है। हाथीपुर गांव की रहने वाली राजकुमारी इंस्टाग्राम रील देख रही थी, तभी एक जाना-पहचाना चेहरा देखकर उसकी रूह कांप उठी। जयपुर की एक रील में दिखाए गए एक युवक का दांत टूटा हुआ था। वही दांत जो उसके भाई बाल गोविंद के बचपन से था।

अठारह साल पहले ऐसे जुदा हुए थे भाई-बहन  

अठारह साल पहले बाल गोविंद फतेहपुर के इनायतपुर गांव से मुंबई नौकरी के लिए निकले थे, लेकिन कभी वापस नहीं लौटे। मुंबई पहुंचकर उन्होंने अपने दोस्तों का साथ छोड़ दिया और दूसरी जगह नौकरी शुरू कर दी। शुरुआत में तो उन्होंने अपने दोस्तों से संपर्क बनाए रखा, लेकिन धीरे-धीरे उनसे संपर्क खत्म हो गया। उनके सभी दोस्त गांव लौट गए, लेकिन बाल गोविंद मुंबई में ही रहे।

बाल गोविंद ऐसे पहुंचे जयपुर 

बाल गोविंद की जिंदगी में एक बड़ा मोड़ तब आया जब बीमार होने पर उन्होंने घर वापस जाने के लिए ट्रेन पकड़ने का फैसला किया। ट्रेन उन्हें कानपुर की जगह जयपुर ले गई। थके-हारे और परेशान बाल गोविंद की मुलाकात रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति से हुई, जिसने उनकी सेहत में सुधार होने पर उन्हें एक फैक्ट्री में नौकरी दिलवा दी।

बाल गोविंद के इंस्टाग्राम रील के पीछे है ये कहानी 

धीरे-धीरे जब बाल गोविंद की हालत सुधरने लगी और वे जयपुर में अपना जीवन बसाने लगे। उन्होंने ईश्वर देवी नाम की लड़की से शादी की और उनके दो बच्चे हुए। इन सालों में बहुत कुछ बदल गया था, लेकिन उनका टूटा हुआ दांत वैसा ही था। नई जिंदगी शुरू करने के दौरान, उन्हें जयपुर के नजारे दिखाने वाले इंस्टाग्राम रील बनाने का शौक भी हुआ। इनमें से एक रील राजकुमारी के फीड में आ गई, जिसने लंबे समय से दबी हुई उम्मीद को फिर से जगा दिया।

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